जम्मू-कश्मीर में हिंसा रोकने की मांग, उमर अब्दुल्ला ने केंद्र से जवाबदेही की उठाई आवाज

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सियालकोट। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा को लेकर गंभीर चिंता जताई और कहा कि सुरक्षा के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद भी हिंसा का दौर नहीं रुका।

उमर अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में संवाददाताओं से कहा, “हम चाहते हैं कि यह हिंसा रुके। जम्मू-कश्मीर, खासकर कश्मीर, पिछले 30-35 साल में बहुत रक्तपात देख चुका है। 2019 के बाद बताया गया था कि यह दौर खत्म होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”

मुख्यमंत्री ने सुरक्षा चिंताओं को रेखांकित करते हुए दिल्ली में हालिया रेड फोर्ट कार ब्लास्ट और नौगाम थाने में हुए विस्फोट का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोग इन घटनाओं में अपनी जान गंवा रहे हैं और केंद्र सरकार को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले अधिकारियों से जवाब लेना चाहिए।

उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि वह मंगलवार को शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए पांच स्थानों पर गए थे और बुधवार को दो अन्य स्थानों का दौरा करेंगे। उनके अनुसार, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है और हिंसा रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।

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Author: Deepak Mittal

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