रायबरेली से लखनऊ तक मचा सन्नाटा, निर्वाचन विभाग ने तय की नई सीमा — अब नहीं चलेगा धनबल का खेल

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रायबरेली से लखनऊ तक मचा सन्नाटा, निर्वाचन विभाग ने तय की नई सीमा — अब नहीं चलेगा धनबल का खेल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की हलचल तेज हो गई है। अभी भले ही निर्वाचन आयोग ने तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन जिलों में तैयारियां अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। रायबरेली की जिला निर्वाचन अधिकारी हर्षिता माथुर ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरी की जाए।

इस बीच, निर्वाचन विभाग ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसने ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक के उम्मीदवारों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। अब चुनाव प्रचार में पानी की तरह पैसा बहाने का दौर खत्म होने वाला है — क्योंकि विभाग ने नामांकन शुल्क, जमानत राशि और प्रचार व्यय सीमा को सख्ती से तय कर दिया है।

 ग्राम प्रधान उम्मीदवारों के लिए नया झटका

अब ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशी अधिकतम ₹1,25,000 रुपये तक का ही चुनाव प्रचार खर्च कर सकेंगे।
यह पहली बार है जब इतनी सख्ती से सीमा लागू की जा रही है ताकि चुनाव में धनबल और दिखावे की राजनीति पर लगाम लगाई जा सके।

 मतदाताओं और मतदान की तैयारी पूरी

रायबरेली जिले में इस बार 22 लाख 6 हजार 637 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।
निर्वाचन विभाग ने बताया कि 10,665 मतपेटियों की व्यवस्था की जा चुकी है और मतपत्रों की छपाई का काम पूरा हो गया है।
अब बस चुनाव की तारीख की घोषणा बाकी है।

 नामांकन शुल्क और जमानत राशि की पूरी लिस्ट

पद नामांकन शुल्क जमानत राशि प्रचार व्यय सीमा
ग्राम पंचायत सदस्य ₹200 ₹800 ₹10,000
ग्राम प्रधान ₹600 ₹3,000 ₹1,25,000
क्षेत्र पंचायत सदस्य ₹600 ₹3,000 ₹1,00,000
जिला पंचायत सदस्य ₹1,000 ₹8,000 ₹2,50,000
ब्लॉक प्रमुख ₹2,000 ₹10,000 ₹3,50,000
जिला पंचायत अध्यक्ष ₹3,000 ₹25,000 ₹7,00,000

निर्वाचन विभाग का कहना है कि इस बार पारदर्शिता ही चुनाव की पहचान होगी। हालांकि, नए नियमों ने पुराने नेताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं — और गांव-गांव में अब एक ही सवाल गूंज रहा है,

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Author: Deepak Mittal

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