New GST Rates India Zero Tax: देश में टैक्स ढांचे में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव लागू हो गया है। 22 सितंबर 2025 यानी आज सोमवार से GST 2.0 व्यवस्था शुरू हो चुकी है। इस नए सिस्टम में टैक्स स्लैब को सरल बनाते हुए ज्यादातर सामानों पर बोझ घटा दिया गया है।
अब रोजमर्रा की 99% जरूरतों की चीजें सिर्फ दो दरों – 5% और 18% – के दायरे में आएंगी। जबकि महंगे और हानिकारक उत्पाद जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट, ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग पर 40% टैक्स लगाया गया है। वहीं 35 सामान ऐसे भी हैं, जिनपर अब टैक्स एक भी रुपया नहीं देना है यानी ‘0% टैक्स है। आइए देखें उन सामानों की लिस्ट।
GST 2.0 ZERO TAX List: इन 35 वस्तुओं पर पूरी तरह जीरो टैक्स
केंद्र सरकार ने आम आदमी को राहत देने के लिए 35 ऐसी चीजें चुनी हैं, जिन पर अब GST बिल्कुल नहीं लगेगा, यानी एक रुपया भी टैक्स नहीं देना होगा। इनमें बीमा पॉलिसियां, स्कूल-कॉपी-किताब, मेडिकल ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट, दवाइयां और बेसिक डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
Hon’ble Prime Minister Shri @narendramodi announced the Next-Generation GST Reforms in his Independence Day address from the ramparts of Red Fort.
Working on the same principle, the GST Council has approved significant reforms today.
These reforms have a multi-sectoral and… pic.twitter.com/NzvvVScKCF
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) September 3, 2025
▶️अहम चीजें जिन पर अब 0% GST
- टर्म लाइफ, ULIP और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां – पहले 18%, अब पूरी तरह फ्री
- नोटबुक, एक्सरसाइज बुक, ग्राफ बुक, रबर, पेंसिल, शार्पनर और क्रेयॉन्स – पहले 5% या 12%, अब 0%
- थर्मामीटर, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और डायग्नोस्टिक किट – पहले 18%, अब 0%
- डेयरी प्रोडक्ट्स: पैकेज्ड दूध, पनीर, छेना, पराठा, चपाती, खाखरा, पिज़्ज़ा ब्रेड आदि अब सस्ते
- 35 दवाइयों और बायोलॉजिकल ड्रग्स (जैसे इमिग्लूसेरेज़, मेपोलिज़ुमाब, डारातुमुमाब, रिस्डिप्लाम आदि) पर अब टैक्स नहीं लगेगा
▶️ पूरी लिस्ट
- 1 छेना (प्री पैक्ड और लेबल्ड)
- 2 UHT (Ultra-High Temperature) दूध
- 3 पराठा और अन्य भारतीय ब्रेड (किसी भी नाम से)
- 4 पनीर (प्री पैक्ड और लेबल्ड)
- 5 पिज्जा ब्रेड
- 6 खाखरा, चपाती या रोटी
- 7 एक्सरसाइज बुक
- 8 रबर
- 9 अनकोटेड पेपर और पेपरबोर्ड
- 10 ग्राफ बुक, लेबोरेटरी नोटबुक और नोटबुक्स
- 11 एगल्सिडेस बीटा
- 12 एप्टाकॉग अल्फा (सक्रिय पुनः संयोजक जमावट कारक VIIa)
- 13 ओनासेमनोजेन अबेपार्वोवेक
- 14 इमिग्लूसेरेज
- 15 एस्किमिनिब
- 16 पेगीलेटेड लिपोसोमल इरिनोटेकन
- 17 मेपोलिज़ुमाब
- 18 टेक्लिस्टामैब
- 19 डारातुमुमाब / डारातुमुमाब उपचर्म
- 20 अमिवंतामब
- 21 रिस्डिप्लाम
- 22 एलेक्टिनिब
- 23 ओबिनुटुज़ुमैब
- 24 रिस्डिप्लाम (दोहराया गया)
- 25 पोलाटुज़ुमैब वेडोटिन
- 26 एंट्रेक्टिनिब
- 27 एटेजोलिज़ुमैब
- 28 स्पेसोलिमैब
- 29 वेलाग्लूसेरेज अल्फा
- 30 एगल्सिडेस अल्फा
- 31 रुरियोक्टोकॉग अल्फा पेगोल
- 32 इडुरसल्फेटेज
- 33 एल्ग्लूकोसिडेस अल्फा
- 34 लारोनिडेज
- 35 ओलिपुडेस अल्फा
▶️ किन चीजों पर घटा टैक्स, क्या हुआ सस्ता
- घरेलू सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स: पहले 28% स्लैब में आने वाले AC, डिशवॉशर, बड़ी टीवी स्क्रीन और सीमेंट अब 18% GST में। कीमतें 7-8% तक घटेंगी।
- ऑटो सेक्टर: छोटे कारें और टू-व्हीलर अब 28% की जगह 18% टैक्स में आएंगे। बड़ी कार और SUV पर 40% टैक्स रहेगा लेकिन पुराना सेस हटाने से दाम घटेंगे।
- मिडिल क्लास प्रोडक्ट्स: टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू, बिस्कुट, स्नैक्स, जूस, घी, कंडेंस्ड मिल्क, कपड़े और फुटवियर अब और सस्ते होंगे।
▶️ कारोबारियों और छोटे व्यापारियों के लिए राहत
- GST 2.0 सिर्फ उपभोक्ताओं के लिए ही नहीं, बल्कि कारोबारियों के लिए भी बड़ा तोहफा है।
- एक्सपोर्टर्स/SEZ यूनिट्स को 1 नवंबर से 90% तक प्रोविजनल रिफंड मिलेगा।
- इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर वाले कारोबारियों को भी यही फायदा मिलेगा।
- लो-रिस्क छोटे व्यापारी (जिनकी मासिक देनदारी ₹2.5 लाख तक है) को अब 3 दिन में ऑटोमैटिक रजिस्ट्रेशन मिल जाएगा।
- ई-कॉमर्स सेलर्स के लिए अलग-अलग राज्यों में रजिस्ट्रेशन की झंझट खत्म कर एक सिंगल मैकेनिज्म लाया जाएगा।
▶️ टैक्स विवादों पर रोक और पारदर्शिता
अब पोस्ट-सेल डिस्काउंट और क्रेडिट नोट्स को लेकर कानूनी भ्रम दूर किया जाएगा।
पान मसाला, सिगरेट और गुटखा पर टैक्स अब MRP (खुदरा बिक्री मूल्य) के आधार पर तय होगा।
GST अपीलीय ट्रिब्यूनल (GSTAT) इसी साल से काम करना शुरू कर देगा, ताकि टैक्स विवाद जल्दी सुलझ सकें।
▶️ दिवाली से पहले राहत की सौगात
कुल मिलाकर, मोदी सरकार की यह घोषणा त्योहारी सीज़न में करोड़ों उपभोक्ताओं और लाखों छोटे कारोबारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। रोज़मर्रा की चीजों पर टैक्स कम होने से घर का बजट हल्का होगा और बाज़ार में खरीदारी की रौनक और बढ़ेगी। अब सबकी नजर इसी पर है कि ये GST 2.0 सुधार कितनी तेजी से महंगाई कम करने और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में सफल होते हैं।
▶️ जीएसटी कटौती पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
वूडन स्ट्रीट के को-फाउंडर और सीईओ लोकेन्द्र सिंह राणावत का मानना है कि त्योहारों से ठीक पहले जीएसटी दरों में कटौती करना ग्राहकों के लिए वास्तविक बचत लेकर आता है। जब टैक्स कम होता है तो लोगों के लिए घर खरीदना या त्योहारों की खरीदारी करना आसान हो जाता है। त्योहारी सीजन वैसे भी रिटेल मार्केट के लिए सबसे अहम समय होता है, ऐसे में टैक्स में कमी से उपभोक्ता तेजी से खरीदारी का फैसला लेते हैं और बाज़ार में खपत (consumption) बढ़ती है। व्यापारियों और रिटेलर्स के लिए भी यह सुनहरा मौका है। वे अपने प्राइसिंग मॉडल को नए सिरे से तैयार कर सकते हैं ताकि टैक्स बचत का लाभ कीमतों में दिखे। इससे उनके प्रोडक्ट मार्केट में और प्रतिस्पर्धी (competitive) बनेंगे और फिर भी उन्हें सामान्य मुनाफा (margin return) मिलता रहेगा।
उन्होंने ये भी कहा कि हालांकि, यह जिम्मेदारी सरकार की बनती है कि इस दौरान कोई भी कारोबारी कृत्रिम रूप से दाम न बढ़ाए या टैक्स राहत का बहाना बनाकर मुनाफाखोरी न करे। सरकार इसके लिए पारदर्शी बिलिंग, रियल-टाइम ऑडिट और एंटी-प्रॉफिटियरिंग पहल के जरिए यह सुनिश्चित कर सकती है कि टैक्स कटौती का असली लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे।

Author: Deepak Mittal
