सुकमा। नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा पर स्थित मरईगुड़ा-गोलापल्ली-किस्टाराम मार्ग पर सुरक्षाबलों ने बड़ा कदम उठाते हुए वीरागंगलेर में नया कैंप स्थापित किया है।
यह इलाका नक्सलियों की एंट्री पॉइंट माना जाता था। लेकिन अब कैंप खुलने से उनके अंतरराज्यीय मूवमेंट पर अंकुश लगेगा और नक्सल विरोधी अभियान को और ताकत मिलेगी।
👉 कैंप के खुलने से ग्रामीणों के लिए भी नए दरवाजे खुलेंगे—सड़क, पुल-पुलिया, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं, पीडीएस दुकान और मोबाइल नेटवर्क जैसी बुनियादी सुविधाएं अब इन इलाकों तक पहुंचेंगी।
पिछले डेढ़ साल में सुकमा के अंदरूनी हिस्सों में 15 नए कैंप स्थापित किए जा चुके हैं। जहां कभी नक्सलियों का दबदबा था, अब वहां सुरक्षाबलों की मौजूदगी है। टेकलगुड़ेम, पूवर्ती, मेटागुड़ेम, गोमगुड़ा, नुलकातोंग और वीरागंगलेर जैसे संवेदनशील इलाकों में जवानों ने अपनी पकड़ मजबूत कर दी है।

Author: Deepak Mittal
