नक्सलवाद के खात्मे के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग जरूरी – उपमुख्यमंत्री

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उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन और संकल्प के अनुरूप राज्य सरकार ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य की सुदृढ़ रणनीति और सुरक्षा बलों की निरंतर कार्रवाई के चलते नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है और इसके खात्मे के लिए समाज के हर वर्ग का सक्रिय सहयोग आवश्यक है। उक्त बातें उपमुख्यमंत्री शर्मा अपने सुकमा प्रवास के दौरान समीक्षा बैठक में कही।

सुकमा कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित इस अहम समीक्षा बैठक में व्यापारी संगठन, सड़क और खदान निर्माण से जुड़े संघटन, सर्व आदिवासी समाज, जनजाति सुरक्षा मंच, अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के मोबाइल और मेडिकल दुकान संचालक, वनवासी कल्याण समिति तथा विभिन्न बैंकों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में जिले के विकास, सुरक्षा व्यवस्था और नक्सल उन्मूलन के लिए उठाए जा रहे कदमों की विस्तार से समीक्षा की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि सुकमा की जनता अब विकास की राह पर आगे बढ़ रही है और गुमराह करने वाले तत्वों का प्रभाव खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अंदरूनी इलाकों में विकास कार्यों में जनसहभागिता बढ़ रही है, वह इस बात का संकेत है कि जल्द ही शांति, सुरक्षा और विश्वास के साथ विकास की गति और तेज होगी तथा सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं का व्यापक विस्तार होगा।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अंदरूनी क्षेत्रों में सड़क, पुल-पुलिया और भवन निर्माण कार्यों को अधिक संसाधनों के साथ समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए और गुणवत्ता पर कोई समझौता न हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन क्षेत्रों में कार्य करने वालों को सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार और पुलिस विभाग निभाएंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय युवाओं को इन निर्माण कार्यों में प्राथमिकता दी जाए, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिलें और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत हो। उन्होंने अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने, रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ पर सख्ती से नियंत्रण करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री एवं वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सुकमा जिले में लघु वनोपज की अपार संभावनाएं हैं और इनके प्रसंस्करण से स्थानीय लोगों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। उन्होंने स्व सहायता समूहों की आय बढ़ाने के लिए लघु और कुटीर उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने, युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के लिए तैयार करने और निर्माण कार्यों के टेंडर में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। कश्यप ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक बस्तर संभाग से नक्सलवाद का जड़ से उन्मूलन करने के लिए सभी को अपने मन में दृढ़ संकल्प के साथ काम करना होगा और शासन की योजनाओं को अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित करना होगा।

इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की सदस्य सु दीपिका सोरी, जनप्रतिनिधि धनीराम बारसे, जिला पंचायत सदस्य हुंगाराम मरकाम, कोरसा सन्नू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह, बस्तर संभाग के आयुक्त डोमन सिंह, आईजी बस्तर सुन्दरराज पी., डीआईजी कमलोचन कश्यप, एसपी किरण गंगाराम चव्हाण, डीएफओ अक्षय कुमार भोंसले, अतिरिक्त कलेक्टर गजेन्द्र सिंह ठाकुर, जिला पंचायत के सीईओ मुकुंद ठाकुर सहित वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में उपस्थित विभिन्न वर्गों और संगठनों ने नक्सलवाद के उन्मूलन और जिले के सर्वांगीण विकास के लिए अपने-अपने सुझाव और समर्थन प्रस्तुत किए। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि यह सामूहिक प्रयास ही सुकमा को नक्सलवाद मुक्त, सुरक्षित और समृद्ध बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होगा।

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Author: Deepak Mittal

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