SC का बड़ा फैसला: अनाथ बच्चों को भी मिलेगा शिक्षा का अधिकार, राज्यों को 4 हफ्तों में अधिसूचना जारी करने का निर्देश

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भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए देश के सभी अनाथ बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून के तहत स्कूलों में दाखिला देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें अनाथ बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देने की मांग की गई थी।

निजी स्कूलों में भी मिलेगा दाखिलासुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल थे, ने साफ किया कि अनाथ बच्चों को भी आरटीई एक्ट के तहत 25 प्रतिशत आरक्षण कोटे के अंतर्गत निजी स्कूलों में दाखिला और मुफ्त शिक्षा दी जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अनाथ बच्चों को ‘वंचित समूहों’ की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए ताकि उन्हें शिक्षा का पूरा अवसर मिल सके।राज्यों को 4 हफ्ते का अल्टीमेटमकोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे आने वाले चार सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करें, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि अनाथ बच्चों को आरटीई एक्ट की धारा 12(1)(सी) के तहत दाखिला मिलेगा। इसके साथ ही, कोर्ट ने राज्यों से यह भी कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अनाथ बच्चों की संख्या और स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों का सर्वेक्षण कराएं और इसकी जानकारी कोर्ट को दें।

सुनवाई के दौरान पीठ ने बताया कि दिल्ली, गुजरात, मेघालय, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने पहले ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बाकी राज्यों से भी उन्हीं की तरह 4 हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी करने को कहा है। इस फैसले से देश के हजारों अनाथ बच्चों को लाभ मिलेगा और उन्हें शिक्षा पाने का समान अधिकार मिल पाएगा। इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी सामाजिक पहल माना जा रहा है।

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Author: Deepak Mittal

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