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20 साल के लड़के ने 400 नागरिकों के साथ बना डाला अपना देश! खुद को घोषित किया राष्ट्रपति, पासपोर्ट भी जारी

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Deepak Mittal

क्या आपने कभी सोचा है कि कोई 20 साल का लड़का जंगल के बीच अपना खुद का देश बना सकता है? वो भी झंडा, संविधान, पासपोर्ट और नागरिकों के साथ! यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि सच्ची घटना है।

ब्रिटेन के डैनियल जैक्सन ने यूरोप के विवादित भू-भाग पर ‘फ्री रिपब्लिक ऑफ वेर्डिस’ (Free Republic of Verdis)। नाम का माइक्रोनेशन बना डाला। खुद को राष्ट्रपति घोषित किया, 400 से ज्यादा लोगों को नागरिकता दी और बाकायदा पासपोर्ट भी जारी कर दिए। आइए जानते हैं इस अनोखे देश की पूरी कहानी, जो एक सपने से शुरू होकर अब दुनिया की सुर्खियों में है।

सीमा विवाद से निकली ‘आज़ादी’ यह अनोखा देश यूरोप के दो देशों, क्रोएशिया और सर्बिया के बीच की एक विवादित जमीन पर बसा है। इस स्थान को ‘पॉकेट थ्री’ कहा जाता है, जहां दोनों देशों का कोई आधिकारिक दावा नहीं है। इसी खाली पड़ी 125 एकड़ की भूमि पर डैनियल ने अपने देश की नींव रखी और खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया।

14 साल की उम्र में आया था आइडिया डैनियल ने बताया कि वेर्डिस का सपना उन्हें महज 14 साल की उम्र में आया था। शुरुआत दोस्तों के साथ एक मज़ाकिया प्रयोग के तौर पर हुई, लेकिन 2019 में उन्होंने 30 मई को औपचारिक रूप से वेर्डिस की स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। अब इस माइक्रोनेशन में खुद की सरकार, झंडा, मुद्रा और तकरीबन 400 नागरिक हैं।

पासपोर्ट भी जारी, लेकिन चेतावनी के साथ वेर्डिस अपने नागरिकों को पासपोर्ट भी देता है। हालांकि डैनियल ने साफ कहा है कि इनका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय यात्रा में न किया जाए। बावजूद इसके, कुछ लोगों ने इसे सीमाओं को पार करने के लिए उपयोग किया है।

जंगल में बसा है नया देश वेर्डिस का अधिकांश हिस्सा घने जंगलों से घिरा है और यहां तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। पास का सबसे बड़ा शहर क्रोएशिया का ओसियेक है, जो नदी के उस पार है। यहां की आधिकारिक भाषाएं अंग्रेज़ी, क्रोएशियाई और सर्बियाई हैं, जबकि मुद्रा के तौर पर यूरो का प्रयोग होता है।

मुश्किलों से भरी राष्ट्रपति की राह जहां एक ओर जैक्सन का सपना धीरे-धीरे आकार ले रहा था, वहीं अक्टूबर 2023 में उन्हें एक बड़ा झटका लगा। क्रोएशियाई पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर देश से निर्वासित कर दिया और भविष्य में प्रवेश पर रोक लगा दी। जैक्सन का कहना है, ‘हमें बताया गया कि हम मातृभूमि के लिए खतरा हैं, लेकिन कोई ठोस कारण नहीं दिया गया।’

निर्वासन में भी जारी है राष्ट्र संचालन निर्वासन के बावजूद जैक्सन डिजिटल माध्यम से वेर्डिस की सरकार चला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि एक दिन उनका देश पूरी तरह स्थापित हो जाता है, तो वे पद छोड़कर आम नागरिक बनना पसंद करेंगे। उनका मकसद सत्ता नहीं, बल्कि एक शांत और स्वतंत्र देश बनाना है।

400 नागरिक और हजारों की रुचि चार दोस्तों से शुरू हुआ ये सफर अब 400 नागरिकों तक पहुंच चुका है, और हजारों लोग यहां बसने की इच्छा जता चुके हैं। नागरिकता के लिए जैक्सन और उनकी टीम अनुभव और कौशल को प्राथमिकता देती है, जैसे चिकित्सा, सुरक्षा या प्रशासन से जुड़े प्रोफेशनल्स को।

एक जंगल, एक सपना और एक देश डैनियल जैक्सन का यह अनोखा प्रयोग न केवल साहसिक है, बल्कि दुनिया के सामने यह भी दिखाता है कि एक विचार, जब जुनून और मेहनत से जोड़ा जाए, तो नामुमकिन भी मुमकिन बन सकता है। वेर्डिस भले ही अभी एक मान्यता प्राप्त राष्ट्र न हो, लेकिन यह “आज़ादी के नए मायने” ज़रूर गढ़ रहा है।

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Author: Deepak Mittal

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