कृषि विभाग का बेलगाम दफ्तर, तय समय पर नहीं खुलते दरवाज़े, जवाबदेही शून्य

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

विशेष संवाददाता जया अग्रवाल बिलासपुर, छत्तीसगढ़

बिलासपुर : यह तस्वीर है बिलासपुर के हृदय स्थल नेहरू चौक स्थित कृषि विभाग (संयुक्त संचालक कार्यालय) की, जहाँ सुबह लगभग 10:45 बजे तक दफ्तर में सन्नाटा पसरा रहा। न कर्मचारी समय पर पहुंचे, न ही कोई अधिकारी मौजूद था।

सरकारी कार्यालयों के समयानुसार सुबह 10 बजे कार्यालय खुलना चाहिए, लेकिन यहां न 10 बजे कुछ होता है, न 11 या 12 बजे। जिसे जब आना होता है, आता है, और अपनी सुविधा से चला जाता है, यह बात स्थानीय लोगों और विभाग से जुड़े हितग्राहियों की जुबान पर आम हो चुकी है।

ऑफिस में फिलहाल सिर्फ एक मुख्य लिपिक कार्यरत हैं, जो साढ़े दस बजे के बाद पहुंचे। वे भी तीन दिन बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं। विभागीय प्रभारी अधिकारी रायपुर में पदस्थ हैं, और सिर्फ औपचारिकतावश कभी-कभार ही कार्यालय आते हैं।

इस स्थिति का लाभ उठाकर लंबे समय से अटैचमेंट संस्कृति यहां गहराई से जड़ें जमा चुकी है। काम की अधिकता और स्टाफ की कमी का बहाना बनाकर कर्मचारी वर्षों से कार्यालय के बाहर रहते हुए वेतन ले रहे हैं। मौजूदा समय में करीब 15 कर्मचारी अटैचमेंट पर हैं, लेकिन वास्तविक कार्य शून्य है। कागजों में सब कुछ अप-टू-डेट दिखाया जाता है, पर हकीकत इससे कोसों दूर है।

हाजिरी के लिए फिंगरप्रिंट और फेस रिकॉग्निशन जैसी तकनीकें भी निष्प्रभावी हो चुकी हैं, क्योंकि सिस्टम को तोड़ा जा चुका है या विकल्प निकालकर अनुपयोगी बना दिया गया है। सरकार की ई-गवर्नेंस प्रणाली भी यहां निष्क्रिय है।

यह सिर्फ कृषि विभाग के एक कार्यालय की बात नहीं है। यह तो प्रदेश के तमाम सरकारी विभागों की व्यवस्थाओं का जीवंत नमूना है। शासन-प्रशासन के चारों स्तंभों में कहीं सुशासन नहीं, कहीं जवाबदेही नहीं, बस चल रही है एक मौन सहमति से बनी हुई कामचोरी और भ्रष्टाचार” की व्यवस्था

जब सरकारी तंत्र नियमों के बजाय मनमाने मूड पर चलने लगे, तब जनता का भरोसा डगमगाने लगता है। यही कारण है कि आम लोग सरकारी सेवाओं से निराश होते जा रहे हैं। सरकारें अगर सिर्फ अधिकारियों की बैसाखियों पर टिकी रहें, तो सुशासन की उम्मीद बेमानी हो जाती है।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *