रायपुर/मुंबई। छत्तीसगढ़ से लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने प्राक्कलन समिति की अध्ययन यात्रा के तहत मुंबई में एक उच्चस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया। यह बैठक MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और भारी उद्योगों के विकास में बैंकों की भूमिका पर केंद्रित थी। कार्यक्रम में देश के शीर्ष बैंकिंग और औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें SBI, BOI, UBI, वित्त मंत्रालय, MSME मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
सांसद ने दिए नीतिगत सुझाव
बृजमोहन अग्रवाल ने बैंकिंग प्रणाली को सरल, पारदर्शी और सुलभ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बैंकों को औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की इच्छुक उद्यमियों के साथ बेहतर समन्वय कर ऋण प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाना चाहिए। इससे नए उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
उन्होंने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत पारंपरिक शिल्पकारों को जटिलताओं से मुक्त ऋण देने का सुझाव भी रखा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा मिल सके।
ग्रामीण बैंकिंग पर जताई चिंता
सांसद ने गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों में बैंक शाखाओं की कमी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने नई शाखाएँ खोलने और ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को मजबूती देने की मांग रखी।
BPCL रिफाइनरी का दौरा
अध्ययन यात्रा के दौरान सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की रिफाइनरी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से औद्योगिक प्रक्रिया, ऊर्जा क्षेत्र की कार्यशैली, सुरक्षा मानकों और उत्पादन दक्षता से जुड़ी जानकारियाँ प्राप्त कीं।
‘MSME भारत की रीढ़’ – सांसद अग्रवाल
सांसद ने स्पष्ट किया कि MSME भारत की आर्थिक रीढ़ हैं। इनके सशक्तिकरण के बिना आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना अधूरी है। उन्होंने बैंकों की भूमिका को निर्णायक बताते हुए, नीति सुधार और वित्तीय लचीलापन सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
