महासमुंद। अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर जिले में बाल श्रम उन्मूलन को लेकर विशेष सक्रियता देखने को मिली। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विभिन्न विभागों और संगठनों के साथ समीक्षा बैठक की और बाल श्रम रोकथाम के लिए कड़े निर्देश जारी किए।
बैठक में श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग, पुलिस प्रशासन, बाल न्यायालय, जिला बाल संरक्षण इकाई, चेम्बर ऑफ कॉमर्स और व्यवसायी संघ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कलेक्टर लंगेह ने साफ किया कि जिले में किसी भी सूरत में बाल श्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, “बच्चों का जीवन शिक्षा, सुरक्षा और संरक्षण में बीते, यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।”
उन्होंने संयुक्त जांच दल को निर्देशित किया कि होटल, ढाबा, दुकानों, निर्माण स्थलों और अन्य संभावित स्थलों पर नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए। सभी विकासखंडों में रैली, पोस्टर प्रदर्शन और स्कूलों में विशेष सत्रों के आयोजन के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही बाल संरक्षण समिति की मासिक बैठक आयोजित कर समीक्षा करने को कहा गया है।
15 जून से 30 जून तक चलेगा बाल श्रम विरोधी अभियान
कलेक्टर ने बताया कि 15 से 30 जून तक जिले में बाल श्रम के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान स्कूलों से लंबे समय से अनुपस्थित बच्चों को पुनः नामांकित कर उनके परिवारों को शासकीय योजनाओं से जोड़ा जाएगा। साथ ही बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 13, 14 एवं 15 के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
अभियान की प्रगति रिपोर्ट
श्रम पदाधिकारी डी.एन. पात्र ने बताया कि वर्ष 2024 में जिले में 92 संस्थानों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से 14 संस्थानों पर अभियोजन दर्ज किया गया और 9 संस्थानों को ₹5,000 प्रति संस्था के हिसाब से ₹45,000 का जुर्माना लगाया गया। शेष 5 मामलों पर न्यायालय में विचाराधीन हैं।
2025 में अब तक 52 संस्थानों का निरीक्षण किया गया है, जिनमें से 12 के खिलाफ श्रम न्यायालय में कार्रवाई लंबित है।
कानून और सजा की जानकारी
बैठक में बताया गया कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का नियोजन पूरी तरह प्रतिबंधित है, जबकि 14-18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों का खतरनाक उद्योगों में नियोजन भी कानूनन अपराध है। दोषी पाए जाने पर नियोजक को 6 महीने से 2 साल तक की जेल या ₹20,000 से ₹50,000 तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन उपलब्ध
जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि बाल श्रम की किसी भी घटना की जानकारी टोल फ्री हेल्पलाइन 1800-2332-197 या चाइल्डलाइन 1098 पर तत्काल दें।
यह अभियान न केवल बच्चों को उनके अधिकार दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि समाज के समग्र विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

Author: Deepak Mittal
