रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। ‘सेवा, समर्पण और गरीब कल्याण के 11 साल’ शीर्षक से चलाए जा रहे जनकल्याणकारी अभियान के अंतर्गत मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को मातृत्व के दौरान बेहतर देखभाल, आत्मसम्मान और कार्यक्षेत्र में बराबरी का अवसर प्रदान करना है।
🔹 फैसले की अहमियत
केंद्र सरकार का मानना है कि राष्ट्र की प्रगति में मातृशक्ति की अहम भूमिका है। मातृत्व अवकाश बढ़ाकर सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह “नारी गरिमा और सामाजिक सुरक्षा” को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
अब कार्यरत महिलाओं को 6 महीने का सशुल्क अवकाश मिलेगा, जिससे वे अपने नवजात की देखभाल कर सकेंगी और मानसिक-शारीरिक रूप से स्वयं को पूरी तरह संभाल सकेंगी। यह बदलाव निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के लिए लागू होगा।
🔹 बैनर का संदेश:
इस अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए तैयार डिजिटल बैनर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दो प्रसवकालीन महिलाओं की तस्वीर दिखाई गई है। इन चेहरों पर संतोष और आत्मविश्वास झलकता है — यह दर्शाता है कि यह निर्णय माताओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला है।
बैनर पर प्रमुख संदेश:
🟢 “मातृशक्ति की सुरक्षा से समृद्ध भारत निर्माण”
🟢 अभियान: सेवा, समर्पण और गरीब कल्याण के 11 साल
🟢 मातृत्व अवकाश: 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह
🔹 डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अभियान की गूंज
इस सामाजिक पहल को सोशल मीडिया के माध्यम से भी जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। डिजिटल प्रचार में @vishnudsai और @vishnudeosai1 जैसे हैंडल्स का उल्लेख है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस अभियान को भाजपा और उसके जनप्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त है।
🔹 नारी सम्मान की दिशा में ऐतिहासिक कदम
सरकार का यह कदम केवल एक नीतिगत बदलाव नहीं, बल्कि मातृत्व के सम्मान और महिलाओं की गरिमा को मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। इस फैसले से लाखों कामकाजी महिलाएं लाभान्वित होंगी और देश की सामाजिक संरचना में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
