रिपोर्ट: दीपक मित्तल, प्रधान संपादक – छत्तीसगढ़
दुर्ग।
विकसित कृषि संकल्प यात्रा के अंतर्गत आज दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के ग्राम सेलूद और फेकारी में कृषि रथ का आगमन हुआ। यह रथ किसानों की समस्याओं के समाधान और उन्नत कृषि तकनीकों के प्रचार-प्रसार हेतु चलाया जा रहा है।
इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र पाहंदा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, तथा छत्तीसगढ़ शासन के कृषि, उद्यानिकी एवं पशुपालन विभाग के वैज्ञानिक और विस्तार अधिकारी उपस्थित रहे।
किसान इस समय खरीफ फसल की तैयारी में जुटे हुए हैं, विशेषकर धान की बुआई, खाद और बीज की व्यवस्था कर रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने मौके पर पहुंचकर धान की फसल में करगा धान, सोमना बन, पेनीकल माइट किट, धान में काई की समस्या और कंसे के समय पौधों के लाल होने जैसी समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की और उनके समाधान सुझाए।
प्रमुख सहभागिता
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सेलूद में कार्यक्रम में शामिल हुए:
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डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेशक, विस्तार सेवाएं – इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर
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डॉ. विजय जैन, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र पाहंदा
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सरपंच अखिलेश मारकंडे
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समिति अध्यक्ष पारखत सिंह साहू
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फेकारी ग्राम में उपस्थित रहे:
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जनपद सदस्य राम सुमेर छेदइया
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सरपंच योगेंद्र साहू
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पाटन कृषि विभाग की ओर से:
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मुकेश मंडरिया, ममता बंजारे (कृषि विस्तार अधिकारी)
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डॉ. कमल नारायण वर्मा एवं डॉ. भास्करण
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किसानों की सक्रिय सहभागिता
इस कार्यक्रम में 100 से अधिक किसानों ने भाग लिया, जिन्होंने वैज्ञानिकों से सीधे संवाद कर अपनी समस्याएं साझा कीं। किसानों ने विशेष रूप से खरीफ में उन्नत बीज चयन, रोग प्रबंधन, और समय पर फसल सुरक्षा उपायों पर जानकारी प्राप्त की।
