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कानून का उल्लंघन, नियमों का मजाक..आखिर ऐसा क्यों कहे रहे है हम..

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Deepak Mittal

डॉ. नीलकमल गर्ग,
सीनियर एडवोकेट
म.प्र./छ.ग.हाईकोर्ट

बिलासपुर में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें सरकारी आवास का दुरुपयोग करने, नियमों का उल्लंघन करने और शासन-प्रशासन के आदेशों को अनदेखा करने का आरोप एक चपरासी और महाधिवक्ता कार्यालय पर लगा है। एक सरकारी आवास, जो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के लिए निर्धारित है, उसे महाधिवक्ता कार्यालय के एक चपरासी को बिना पात्रता के 8 वर्षों से आवंटित कर दिया गया है।

शासन के आदेशों की अवहेलना

कलेक्टर बिलासपुर द्वारा कई बार इस सरकारी आवास को खाली करने के आदेश दिए गए, लेकिन चपरासी ने इन आदेशों का पालन नहीं किया। कलेक्टर ने मार्च और मई 2024 में स्मरण पत्र जारी किए और आवास खाली कराने की चेतावनी भी दी। लेकिन इसके बावजूद चपरासी कलेक्टर के आदेश को धता बताकर आज भी इस आवास पर काबिज है।

अवैध निर्माण और नियमों का उल्लंघन

सूत्रों के अनुसार, इस चपरासी ने आवास की छत पर अवैध निर्माण कर, ग्रीन बेल्ट क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया है और बड़े गेट लगाकर, रंगाई-पुताई के जरिए आवास को निजी मकान की तरह बना लिया है। जांच में इन सभी तथ्यों की पुष्टि होने के बावजूद कलेक्टर और अन्य अधिकारी इस पर कार्रवाई नहीं कर सके।

फर्जी तरीके से नौकरी, और अयोग्यता की अनदेखी

इस चपरासी की नौकरी भी संदेह के घेरे में है। जानकारी के अनुसार, उसने तीसरी संतान के बावजूद नौकरी प्राप्त की, जो नियमों के विरुद्ध है। कई बार शिकायतें मिलने पर भी प्रशासन और महाधिवक्ता कार्यालय ने कोई कार्रवाई नहीं की। बल्कि इसे पदोन्नति देकर सहायक ग्रेड 3 के पद पर नियुक्त कर दिया गया है।

राजनीतिक हस्तक्षेप और बाहुबल का प्रभाव

प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस चपरासी का परिवार राजनैतिक प्रभाव वाला है, जिसका इस्तेमाल कर वह आदेशों की अनदेखी कर रहा है। एक मंत्री के संरक्षण में होने का आरोप लगाते हुए, कहा जा रहा है कि स्थानीय अधिकारियों पर आवास खाली न कराने और चपरासी की नौकरी को सुरक्षित रखने के लिए दबाव डाला गया है।

कलेक्टर की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिन्ह

आज के दौर में कलेक्टर की प्रतिष्ठा पर राजनैतिक हस्तक्षेप से प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। एक समय था जब कलेक्टर का आदेश सर्वोपरि माना जाता था, पर अब नेताओं के प्रभाव ने प्रशासनिक अधिकारियों की छवि को धूमिल कर दिया है।

आम जनता का विश्वास और प्रशासन की छवि की रक्षा की आवश्यकता

इस मामले ने शासन, लोकायुक्त, और कलेक्टर बिलासपुर के प्रति आम जनता की उम्मीदों को झकझोर दिया है। ऐसे में, सरकार और प्रशासन से अपेक्षा है कि वे अपने प्रतिष्ठापूर्ण पद की गरिमा को बचाते हुए, अवैध कब्जा कर रहे बाहुबली चपरासी परिवार पर कड़ी कार्रवाई करें, और सरकारी आवास को तत्काल रिक्त करवाएं।

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Author: Deepak Mittal

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