अगर आप शेयर बाजार की उथल-पुथल से घबराते हैं, लेकिन भविष्य के लिए बड़ा फंड बनाना चाहते हैं, तो SIP (Systematic Investment Plan) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। मौजूदा बाजार की अस्थिरता के बावजूद, देश में SIP में निवेश का ट्रेंड लगातार बढ़ता जा रहा है।
आम निवेशक भी अब इस फॉर्मेट को अपनाकर अपने वित्तीय लक्ष्य तय कर रहे हैं, क्योंकि SIP से ना सिर्फ जोखिम नियंत्रित रहता है, बल्कि लंबे समय में बड़ा रिटर्न भी मिलता है।
बाजार की अस्थिरता के बीच SIP बना भरोसेमंद विकल्प SIP निवेशकों को अनुशासन के साथ निवेश करने की आदत डालता है। भले ही बाजार ऊपर-नीचे होता रहे, लेकिन SIP में नियमित निवेश से कंपाउंडिंग का जबरदस्त लाभ मिलता है। यही वजह है कि लाखों निवेशक अब म्यूचुअल फंड SIP के जरिए अपने रिटायरमेंट प्लान, बच्चों की शिक्षा या घर खरीदने जैसे बड़े लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
हर महीने ₹5000 जमा करने पर 15 साल में कितना बनेगा फंड? अब सवाल उठता है कि यदि आप हर महीने ₹5000 की SIP करते हैं, तो 15 साल में आपको कितना रिटर्न मिल सकता है? आइए अनुमानित रिटर्न के आधार पर जानते हैं संभावित फंड:
वार्षिक अनुमानित रिटर्न कुल निवेश (15 साल) बनने वाला फंड 12% रिटर्न ₹9,00,000 ₹23.79 लाख लगभग 15% रिटर्न ₹9,00,000 ₹30.81 लाख लगभग 18% रिटर्न ₹9,00,000 ₹36.69 लाख लगभग
नोट: ये आंकड़े अनुमानित रिटर्न पर आधारित हैं और बाजार की वास्तविक स्थिति के अनुसार बदल सकते हैं।
SIP में निवेश से पहले किन बातों का रखें ध्यान? लंबी अवधि का निवेश जरूरी: SIP का असली फायदा तब मिलता है जब आप इसे सालों तक जारी रखते हैं। जितनी लंबी अवधि, उतना ज्यादा कंपाउंडिंग का फायदा।
रिटर्न स्थिर नहीं होता: SIP में एक निश्चित रिटर्न की गारंटी नहीं होती। इसमें बाजार की चाल के हिसाब से उतार-चढ़ाव होते हैं। टैक्स का ध्यान रखें: SIP से मिलने वाले रिटर्न पर कैपिटल गेन्स टैक्स लागू होता है, खासकर इक्विटी फंड्स में।
लक्ष्य आधारित निवेश करें: किसी भी SIP को शुरू करने से पहले यह तय करें कि आप किस मकसद से निवेश कर रहे हैं—रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई, शादी या कोई और दीर्घकालिक योजना।
