अनियमितता के मद्देनजर संकुल प्रभारियों ने कलेक्टर व डीईओ से की लिखित शिकायत
निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111
मुंगेली – जिले के 07 संकुल केंद्रों से बिना किसी सूचना के राशि आहरण करने का संदेहास्पद मामला सामने आया है जो जिले में शिक्षा विभाग में चल रहे बड़े बंदरबाट को इंगित करते हुए सवाल खड़ा करता नजर आ रहा है।
जिसे लेकर संकुल प्रभारियों ने जिला कलेक्टर राहुल देव को पत्र लिखकर जानकारी दी और उचित कार्यवाही की मांग की है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि जिले के रोहराखुर्द, प्रतापपुर, झलियापुर, नवागांव (धु.), सुरेठा, देवरी और निरजाम संकुल केंद्रों के बैंक खातों से बिना पूर्व सूचना के प्रत्येक संकुल से 80,000 रुपये की निकासी की गई। यह राशि विकास खंड स्रोत समन्वयक सूर्यकांत उपाध्याय और संकुल समन्वयक के संयुक्त हस्ताक्षर से pfms अकाउंट बिल बनाकर राशि का आहरण किया गया,जिससे वित्तीय अनियमितता का संदेह उत्पन्न हुआ। इस जानकारी से अनभिज्ञ संकुल प्रभारी जब अपने खातों की जानकारी लेने सम्बंधित बैंक (बैंक ऑफ बड़ौदा) पहुंचे,तब उन्हें इस निकासी का पता चला।

संकुल प्रभारियों का कहना है कि उन्हें इस संदर्भ में कोई सूचना या पूर्व जानकारी नहीं दी गई थी। जब उन्होंने मामले की जांच की तो पता चला कि यह राशि 17 और 18 मार्च 2025 को बैंक ऑफ बड़ौदा से निकाली गई थी। इसकी सूचना मिलते ही सभी संकुल प्रभारियों ने 21 मार्च 2025 को जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर को लिखित रूप से सूचित किया था।
इसके बाद 23 मार्च 2025 को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सातों संकुल समन्वयकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया। हालांकि, अब तक किसी भी उच्च अधिकारी ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है और न ही इस मामले में कोई कार्यवाही हुई है।

इस स्थिति से असंतुष्ट संकुल प्रभारियों ने जिला कलेक्टर से इस वित्तीय अनियमितता की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक कार्रवाई करने की अपील की है ताकि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो सके और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पत्र के अंत में सभी सातों संकुल केंद्रों के प्रभारियों ने अपने हस्ताक्षर कर इस शिकायत को सत्यापित किया है।
शिक्षा विभाग में मिलती लगातार अनियमितताएं,मामला चला जाता ठंडे बस्ते में
मुंगेली जिले के शिक्षा विभाग से लगातार अनियमितताएं मिल रही परन्तु देखने वाली बात ये है कि जांच के नाम पे सिर्फ लीपापोती की जा रही ,और तारीख पे तारीख के तहत मामला खींचा चला जाता है और ठंडे बस्ते में चला जाता है जो काफी कुछ इंगित करता है।
