‘अंबेडकर फेल हो गए या अंबेडकरवादी…’ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आरक्षण पर उठाए सवाल

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शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोहन भागवत की बातें राजनीति से प्रेरित हैं.

इसके उलट अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के ‘जय श्री राम, जय श्री कृष्ण’ के बयान का समर्थन किया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एमपी सीएम के बयानों को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि इन दोनों नेताओं की बातें स्वागत योग्य हैं. उन्होंने हमारे हृदय के बातों को स्वर दिया है, एक नेता को ऐसा ही होना चाहिए.

मोहन भागवत पर साधा निशाना
वाराणसी में ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आरएसएस प्रमुख के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लगता है मोहन भागवत के आसपास जो लोग लंबे समय से रह रहे हैं, वह धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले लोग रहे हैं.

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्वामी रामभद्राचार्य महाराज की बातों का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि वह संघ के संचालक हो सकते हैं, लेकिन हिंदू धर्म के नहीं हो सकते हैं. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “कोई भी सनातनी होगा वह इसी पक्ष में रहेगा.”

सीएम योगी के बयान का किया समर्थन
हालिया दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जरिये विधानसभा शीतकालीन सत्र में ‘जय श्री राम’ और ‘अल्लाह हू अकबर’ के बयान को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्वागत योग्य बताया. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “इन नेताओं ने जो बातें कही हैं, उससे यह पता लगता है कि उनके मन में हिंदुओं के हृदय की बातों के बारे में कुछ भनक है. यह स्वागत योग्य बात है जिसके लिए हम धन्यवाद देते हैं. एक नेता को ऐसा ही होना चाहिए.

शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज उत्तराखंड में चारधाम शीतकालीन यात्रा पूरी कर काशी प्रवास पर 23 दिसंबर की रात को वाराणसी पहुंचे हैं.

इससे पहले बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जरिये दिए गये बयान के बाद मचे सियासी घमासान पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने जातिगत आरक्षण को लेकर गंभीर सवाल खड़ किए हैं. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि आरक्षण की व्यवस्था सिर्फ 10 साल के लिए की गई थी, बाबा साहब ने कभी नहीं चाहा था कि लोग आरक्षण की बैसाखी लेकर जिंदगी भर चलते रहें.

‘अंबेडकर फेल हो गए या अंबेडकरवादी’
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि आरक्षण लागू होने के 78 साल बाद भी वो वर्ग जिसके लिए इसे लागू किया गया था, मुख्य धारा में शामिल नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि या तो अंबेडकर फेल हो गए या अंबेडकरवादी फेल हो गए हैं. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि लोगों को इसमें नहीं जाना चाहिए बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी समस्याओं को उठाना चाहिए.

मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, काशी में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, “78 साल हो चुके हैं. बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की बात की जाती है, इन 78 सालों में जो लोग बाबा साहब अंबेडकर के पीछे थे, उनका कितना उन्नयन हुआ?” उन्होंने कहा, “10 साल के लिए आरक्षण को लागू किया गया था और 78 साल हो गए और आरक्षण लगातार जारी है. आरक्षण इसलिए नहीं दिया गया था कि आप जिंदगी भर के लिए पंगु होकर आरक्षण की बैसाखी पर खड़ रहें.”

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Author: Deepak Mittal

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