ताजा खबर
जशपुर के 50 स्कूलों को स्मार्ट किट, मुख्यमंत्री ने शिक्षा क्रांति को बताया मील का पत्थर.. तपकरा को मिली नई पहचान: मुख्यमंत्री  साय ने तहसील कार्यालय का किया शुभारंभ, नगर पंचायत का दर्जा देने की घोषणा पटवारी पर रिश्वतखोरी का गंभीर आरोप, ग्रामवासियों का फूटा गुस्सा: कहा– फौती के बदले मांगे ₹5000, अब होगा जनआंदोलन!… पुरानी रंजिश पर बुजुर्ग की हत्या, घरघोड़ा पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार.. मौदहापारा पुलिस की दोहरी कार्रवाई: चाकू लहराने वाला बदमाश और अस्पताल में चोरी करने वाला सुरक्षा गार्ड गिरफ्तार केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने निभाई छेरापहरा सेवा, स्वर्ण झाड़ू से की रथमार्ग की शुद्धि

जंगली मशरूम बना जहर! एक ही परिवार के 4 लोग फूड पॉइजनिंग से अस्पताल में भर्ती, महिला की हालत नाजुक

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

सूरजपुर।
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां जंगल से लाकर पकाए गए जंगली मशरूम ने एक ही परिवार की सेहत पर भारी कहर बरपा दिया। फूड पॉइजनिंग के कारण परिवार के चार सदस्य गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं, जिनमें से एक महिला की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।

घटना प्रतापपुर ब्लॉक के सरहरी गांव की है। जानकारी के अनुसार, परिवार ने जंगल से मशरूम लाकर सब्जी बनाई और रात के भोजन में सेवन किया। खाना खाने के कुछ समय बाद दो महिलाओं और दो पुरुषों को तेज पेट दर्द, उल्टी और बेचैनी की शिकायत होने लगी।

बच्चे बचे, क्योंकि नींद जल्दी आ गई थी

सौभाग्य से, परिवार के दो छोटे बच्चे जो जल्दी सो गए थे, उन्होंने भोजन नहीं किया था, जिससे वे इस जहरिले मशरूम के असर से बच गए।

इलाज जारी, एक महिला की हालत गंभीर

पहले सभी मरीजों को प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, एक महिला की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है और उसे ICU में निगरानी में रखा गया है।

सावधानी जरूरी: जंगली मशरूम से रहें सतर्क

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कई बार जंगलों में मिलने वाले मशरूम में जहरीले तत्व होते हैं जो पहचान में नहीं आते। इन्हें खाने से गंभीर फूड पॉइजनिंग, लीवर डैमेज या मौत तक हो सकती है।

डॉक्टरों की सलाह: “बाजार में मिलने वाले प्रमाणित मशरूम ही प्रयोग करें। जंगल से लाए मशरूमों का सेवन बहुत जोखिमभरा हो सकता है।”


यह घटना एक चेतावनी है कि पारंपरिक आदतों और जंगल की उपज पर निर्भरता के बावजूद, सावधानी और जागरूकता बेहद जरूरी है।
जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

June 2025
S M T W T F S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *