रायपुर। राजधानी में पकड़े गए ड्रग्स सिंडिकेट ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। पुलिस की जांच में इस नेटवर्क का दायरा इतना बड़ा निकला कि अब तक की कार्रवाई में 850 से अधिक संदिग्धों की सूची तैयार की गई है। इस सूची में न सिर्फ सामान्य लोग, बल्कि हाई-प्रोफाइल परिवारों, कारोबारी घरानों और रसूखदार लोगों के नाम भी शामिल हैं।
👉 नव्या–विधि से निकली कड़ियाँ
मुख्य आरोपी नव्या मलिक, विधि अग्रवाल और रुपिंदर उर्फ पाब्लो सिंह से पूछताछ के बाद यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
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शुरुआती दौर में आरोपी व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए नए ग्राहकों को जोड़ते थे।
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धीरे-धीरे नेटवर्क सिर्फ भरोसेमंद और चुनिंदा लोगों तक सीमित कर दिया गया।
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सप्लाई के लिए होटल, पब, बार और आफ्टर-पार्टियों का इस्तेमाल होता था।
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इन पार्टियों में शामिल होने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना अनिवार्य था।
👉 नव्या–विधि गुट में विवाद
तेलीबांधा इलाके में हाल ही में नव्या मलिक और विधि अग्रवाल के गुट के बीच टकराव हुआ। दोनों ने एक-दूसरे पर फंसाने का आरोप लगाया। इस दौरान एक बिल्डर ने बीच-बचाव कर मामला शांत करवाया। हालांकि पुलिस का मानना है कि इस विवाद के पीछे भी ड्रग्स नेटवर्क का आंतरिक टकराव है।
👉 किन इलाकों में फैला नेटवर्क?
जांच में सामने आया है कि यह सिंडिकेट रायपुर के कई हिस्सों में सक्रिय था—
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शंकर नगर, कालीबाड़ी, कबीर नगर, भनपुरी
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आमानाका, कमल विहार, कोटा, नेहरू नगर
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पेंशनबाड़ा, समता कॉलोनी, देवेंद्र नगर, राजेंद्र नगर
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वीआईपी रोड, कटोरा तालाब, संतोषी नगर, माना, एयरपोर्ट रोड, मंदिर हसौद, तेलीबांधा
इन इलाकों से कई बड़े कारोबारी और रसूखदार परिवारों के सदस्य नेटवर्क से जुड़े पाए गए हैं।
👉 जांच में जुटीं संयुक्त टीमें
पुलिस ने ड्रग्स रैकेट को ध्वस्त करने के लिए क्राइम ब्रांच, ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) और एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की टीमों को जांच में लगाया है।
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दूसरे राज्यों में छापेमारी की तैयारी
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सभी 850 संदिग्धों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा
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किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा
👉 सोशल मीडिया का हथियार
आरोपी नेटवर्क का विस्तार सोशल मीडिया और डिजिटल तकनीक से करते थे। ऑनलाइन फॉर्म और ग्रुप चैट्स के जरिए ग्राहकों की निगरानी और छंटनी की जाती थी।
पुलिस का कहना है कि—
“यह मामला सिर्फ स्थानीय स्तर का नहीं है, बल्कि इसमें शामिल लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से बेहद प्रभावशाली हैं। इसलिए जांच बेहद गंभीरता से की जा रही है और किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।”

Author: Deepak Mittal
