LCD यानी Liquid Crystal Display तकनीक लंबे समय से स्मार्टफोन और टीवी में इस्तेमाल होती आ रही है. LCD डिस्प्ले में बैकलाइट का इस्तेमाल होता है जो पूरे स्क्रीन को रोशन करता है. इसकी वजह से स्क्रीन पर कलर्स ज्यादा नेचुरल और संतुलित दिखाई देते हैं.
ये डिस्प्ले वाला फोन आंखों पर ज्यादा जोर नहीं डालता है. खासकर लंबे समय तक पढ़ने या वीडियो देखने में. सूरज की रोशनी में भी स्क्रीन का दृश्य अच्छा रहता है. रंगों का बैलेंस अच्छा रहता है जो पढ़ाई या ऑफिस वर्क के लिए मददगार है. हालांकि, LCD डिस्प्ले में ब्लैक कलर इतना गहरा नहीं दिखता और बैटरी की खपत AMOLED की तुलना में थोड़ी ज्यादा होती है.
AMOLED यानी Active Matrix Organic Light Emitting Diode डिस्प्ले में हर पिक्सल खुद रोशनी पैदा करता है, इसलिए इसे बैकलाइट की जरूरत नहीं पड़ती. इसका मतलब है कि ब्लैक कलर बिल्कुल गहरा दिखाई देता है और कंट्रास्ट बेहतर होता है.
AMOLED के फायदे की बात करें तो इसमें ज्यादा वाइब्रेंट और चमकदार कलर्स मिलते हैं. स्क्रीन का ब्लैक और कंट्रास्ट बेहतर होता है, जिससे वीडियो और गेमिंग का अनुभव शानदार होता है. बैटरी की खपत कम होती है खासकर जब डार्क मोड का इस्तेमाल किया जाए. हालांकि, AMOLED डिस्प्ले कुछ लोगों की आंखों को जल्दी थकावट दे सकता है, खासकर अगर स्क्रीन की ब्राइटनेस बहुत ज्यादा हो. लंबे समय तक पढ़ाई या ऑफिस वर्क के लिए इसे थोड़ा तनावजनक माना जाता है.
अगर आप लंबे समय तक फोन इस्तेमाल करते हैं जैसे पढ़ाई, ऑफिस वर्क या सोशल मीडिया ब्राउज़िंग, तो LCD डिस्प्ले थोड़ा बेहतर विकल्प हो सकता है. इसका कारण यह है कि LCD स्क्रीन की ब्राइटनेस और कलर बैलेंस आंखों पर कम दबाव डालती है.
वहीं, अगर आपका फोकस वीडियो, गेमिंग और हाई-क्वालिटी फोटो पर है, और आप ज्यादा कंट्रास्ट और गहरे ब्लैक कलर पसंद करते हैं, तो AMOLED डिस्प्ले अच्छा विकल्प है. बस ध्यान रखें कि ब्राइटनेस को नियंत्रित करें और लंबे समय तक स्क्रीन देखने से बचें.

Author: Deepak Mittal
