
निर्मल अग्रवाल : मुंगेली – मुंगेली जिले के ग्राम गीतपुरी-नुनियाकछार में स्कूली बच्चों द्वारा ट्यूब के सहारे नदी पार कर स्कूल जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसने प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। इस मामले में मुंगेली कलेक्टर राहुल देव ने तत्काल संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए।
जांच टीम ने गांव पहुंचकर स्कूल के प्रधान पाठक, बच्चों के पालकगण और ग्रामीणों से पूछताछ की। जांच में पाया गया कि वीडियो में दिखाए गए बच्चे नुनियाकछार गांव के निवासी हैं, जो ट्यूब के सहारे आगर नदी पार कर गीतपुरी स्थित प्राथमिक शाला जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यह वीडियो इसलिए वायरल किया गया है ताकि सड़क निर्माण की उनकी मांग शासन तक पहुंच सके।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि नुनियाकछार में निवासरत निषाद परिवार, जो आगर नदी के किनारे अस्थायी रूप से रह रहे थे, अब स्थायी रूप से वहीं बसे हुए हैं। इस परिवार के बच्चे गीतपुरी प्राथमिक शाला और नवागांव ची. के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ते हैं। हालांकि, नुनियाकछार गांव में भी एक प्राथमिक शाला मौजूद है, जो निषाद परिवार के घरों से लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी पर है।
स्कूल के प्रधान पाठक ने बताया कि बच्चों को नदी पार करने में होने वाली समस्याओं को देखते हुए उन्हें गीतपुरी स्कूल में प्रवेश न देने की सलाह दी गई थी, लेकिन पालकों ने नुनियाकछार की शाला की दूरी और असुविधाओं का हवाला देकर अपने बच्चों को गीतपुरी स्कूल में प्रवेश दिलाया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया था कि वे बच्चों को सुरक्षित स्कूल पहुंचाएंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह वीडियो शासन-प्रशासन की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से वायरल किया गया है, जबकि असल स्थिति कुछ और है। गांव से गीतपुरी शाला तक पगडंडी का एक सुरक्षित रास्ता भी मौजूद है, जिससे बच्चे आसानी से स्कूल पहुंच सकते हैं।
प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि भविष्य में किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए बच्चों का प्रवेश नुनियाकछार की शाला में कराया जाएगा।
जांच टीम में विकासखंड शिक्षा अधिकारी डॉ. प्रतिभा मंडलोई, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रदीप दिवाकर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।-
Author: Deepak Mittal










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