महासमुंद। शतरंज का खेल जहां आमतौर पर शहरी इलाकों में ही अधिक प्रचलित होता है, वहीं महासमुंद के हेमंत खुटे ने इसे ग्रामीण अंचलों में भी पहचान दिलाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। नाइट चेस क्लब के संस्थापक और राज्य शतरंज संघ के सचिव हेमंत खुटे ने 3500 से अधिक स्कूली बच्चों को शतरंज का विधिवत प्रशिक्षण देकर एक नई दिशा प्रदान की है।
खुटे का कहना है कि शतरंज को क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल जैसे लोकप्रिय खेलों के बीच पहचान दिलाना आसान नहीं था। उन्होंने वर्ष 1997 में विज्ञान सभा शतरंज क्लब के रूप में इसकी शुरुआत की थी, और तब से शतरंज के प्रति बच्चों में रुचि जगाने के लिए कई प्रयास किए हैं।
खासकर 2000 में महासमुंद जिला शतरंज संघ की स्थापना के बाद से जिले ने शतरंज खेल गतिविधियों में एक विशेष पहचान बनाई है। 2018 में “शतरंज की पाठशाला” के नाम से एक ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की गई, जहां शतरंज का नियमित अभ्यास होता था, हालांकि कोविड-19 महामारी के कारण यह प्रभावित हुआ।
हाल ही में, 25 अगस्त 2024 को हेमंत खुटे ने पिथौरा नगर में “नाइट चेस क्लब” की स्थापना की, जहां रोजाना खिलाड़ी निशुल्क शतरंज खेल सकते हैं और नवोदित खिलाड़ियों को नियमित प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।
खुटे का कहना है कि उनका लक्ष्य अगले एक वर्ष में महासमुंद जिले के 5000 स्कूली बच्चों को शतरंज से जोड़ने का है, जिससे यह खेल बच्चों के बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।
उनके इस अथक प्रयास से शतरंज को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का सपना एक दिन मील का पत्थर साबित हो सकता है।

Author: Deepak Mittal
