अबूझमाड़ से निकले ‘टॉपर’: जंगलों में पला, कोचिंग ली ज्ञानगुड़ी में… अब बने डॉक्टर और कृषि वैज्ञानिक!

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Deepak Mittal

रायपुर, 29 जुलाई 2025 |
जहां उम्मीदें खत्म मानी जाती थीं, वहां से अब प्रेरणा की कहानी निकल रही है।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्रों से आए छात्र-छात्राओं ने ज्ञानगुड़ी कोचिंग सेंटर, बस्तर की मदद से कृषि प्रवेश परीक्षा (PAT) और नीट जैसे कठिन एग्जाम पास कर इतिहास रच दिया है। यह सिर्फ सफलता नहीं, बल्कि सिस्टम में विश्वास और शिक्षा की जीत की कहानी है।

🔥 ज्ञानगुड़ी बना उम्मीद की लौ

बस्तर जिला प्रशासन द्वारा संचालित और निःशुल्क कोचिंग प्रदान करने वाला ज्ञानगुड़ी सेंटर, अब शिक्षा के क्षेत्र में पूरे छत्तीसगढ़ में उदाहरण बन चुका है। इस वर्ष अबूझमाड़ के 25 छात्रों ने PAT परीक्षा पास कर सरकारी कृषि कॉलेजों में प्रवेश पाया। इनमें से छात्र भुवनेश्वर ने राज्य में 11वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया।

🧠 नीट में भी सफलता की बौछार

सिर्फ कृषि ही नहीं, बल्कि मेडिकल में भी ज्ञानगुड़ी के छात्रों ने झंडा गाड़ दिया।
67 छात्रों ने नीट 2025 क्लियर किया, जो इस बात का प्रमाण है कि अगर सही मार्गदर्शन और प्लेटफॉर्म मिले तो पहाड़ी गांवों से भी एमबीबीएस निकलते हैं।

🌱 अबूझमाड़ से बस्तर – सफर सिर्फ दूरी का नहीं था…

नारायणपुर जिले के विवेकानंद आश्रम के संतों और शिक्षकों की पहल पर ये बच्चे जंगलों से निकलकर बस्तर पहुंचे। उन्होंने शिक्षा का दीप जलाया और ज्ञानगुड़ी में नीट, PAT, PVT, फार्मेसी, वेटनरी, नर्सिंग जैसी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की।

👏 400+ बच्चों को मिला नया जीवन

अब तक ज्ञानगुड़ी सेंटर से 400 से ज्यादा छात्रों को मेडिकल, एग्रीकल्चर और तकनीकी संस्थानों में दाखिला मिल चुका है।
इस अभियान को सफल बनाने में अधिकारियों की भूमिका अहम रही –
श्रीनिवास राव, मनीष श्रीवास्तव, संजीव बिस्वास, देवेश पाणिग्राही, अलेक्जेंडर चेरियन समेत समर्पित शिक्षकों की टीम ने बस्तर में शिक्षा की क्रांति ला दी है।

🗣️ कमिश्नर और कलेक्टर की प्रेरणा

छात्रों की सफलता पर कमिश्नर, कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ ने बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस मॉडल को अब राज्य के अन्य जिलों में भी अपनाने की मांग उठ रही है।

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Author: Deepak Mittal

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