बिलासपुर जिले ही नहीं, संभाग की जरूरतों को पूरी करती है तिफरा फल व सब्जी मंडी

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जे के मिश्र / बिलासपुर – तिफरा स्थित थोक फल एवं सब्जी मंडी पिछले एक दशक से हज़ारों श्रमिकों की रोजी-रोटी का प्रमुख केंद्र बनी हुई है। इससे पहले शहर के थोक फल और सब्जी व्यापारी अलग-अलग जगहों से अपने व्यवसाय का संचालन कर रहे थे। लेकिन तिफरा मंडी के शुरू होने के बाद से सभी व्यापारियों ने अपना कारोबार यहीं स्थानांतरित कर लिया।

तिफरा मंडी क्षेत्रफल की दृष्टि से संभाग की सबसे बड़ी मंडी है और राज्य में दूसरी सबसे बड़ी मंडी के रूप में जानी जाती है। यहां से प्रतिदिन सैकड़ों व्यापारियों और मजदूरों को रोजगार मिलता है। अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक, यह मंडी सालभर में लगभग 400 करोड़ रुपये का व्यापार करती है। यहां हर दिन लगभग तीन हजार छोटे, मध्यम और बड़े व्यापारी सब्जी और फलों का व्यापार करने पहुंचते हैं।

मंडी के खुलने के एक हफ्ते के भीतर ही शहर के प्रमुख थोक व्यापारी, जैसे कि बुधवारी बाजार, चांटीडीह, रपटा चौक और व्यापार विहार के व्यापारी यहां स्थानांतरित हो गए थे। आज तिफरा मंडी न सिर्फ व्यापार का केंद्र है, बल्कि उन सैकड़ों मेहनतकश व्यापारियों और मजदूरों की आजीविका का जरिया भी है, जो सुबह तीन बजे से ही अलग-अलग इलाकों से उठकर यहां आते हैं और मेहनत करते हैं।

प्रमुख समस्याएं:
जलनिकासी की समस्या
तिफरा मंडी राज्य की सबसे बड़ी मंडी में शुमार है, लेकिन जलनिकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण बरसात के मौसम में मंडी के कई हिस्सों में जलभराव हो जाता है। इसका सीधा असर व्यापार और श्रमिकों की कार्यक्षमता पर पड़ता है। इस समस्या के चलते फल और सब्जियों के खराब होने की आशंका भी बनी रहती है। हालांकि, अब तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया जा सका है।

सड़कों की खस्ताहालत
मंडी के शुरूआती दिनों में रायपुर रोड से मंडी तक की सड़क पर ट्रैफिक कम था, लेकिन पिछले कुछ सालों में अन्य निर्माण कार्यों और बढ़ते यातायात के दबाव के कारण मंडी तक पहुंचने वाली सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। इससे व्यापारियों और ग्राहकों को आने-जाने में काफी दिक्कत होती है। पूर्व सरकार ने यहां एक नई सड़क बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। बेहतर सड़कों से न केवल व्यापारियों को राहत मिलेगी, बल्कि मंडी की आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी।

अन्य समस्याएं:
बिजली की समस्या
व्यापारियों को मंडी में बिजली की अनियमित आपूर्ति का सामना करना पड़ रहा है, जिससे काम में बाधा आ रही है।

असामाजिक तत्वों से परेशानी
मंडी में असामाजिक तत्वों की गतिविधियों से व्यापारी और ग्राहक परेशान हैं, और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की मांग कर रहे हैं।

आजीविका का मुख्य केंद्र
तिफरा मंडी हजारों लोगों की आजीविका का मुख्य जरिया है, जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं।

मंडी से जुड़े आंकड़े:
प्रतिदिन लगभग 1 करोड़ रुपये का व्यापार
कुल व्यापारी: 150
सब्जी व्यापारी: 83
फल व्यापारी: 23
आलू-प्याज व्यापारी: 44
समस्याओं के समाधान के लिए व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि जलनिकासी, सड़क और सुरक्षा व्यवस्था में जल्द सुधार हो, ताकि मंडी का संचालन सुचारू रूप से हो सके।

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Author: Deepak Mittal

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