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घरघोड़ा : पुलिस पर लगे गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप, थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मी लाइन अटैच, रिश्वतखोरी का हुआ पर्दाफाश…!

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शैलेश शर्मा 9406308437नवभारत टाइम्स 24×7.in जिला ब्यूरो रायगढ़

रायगढ़ :  जिला रायगढ़ के घरघोड़ा थाना से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहाँ शराब माफियाओं के संरक्षण और पीड़ित से अवैध वसूली के आरोपों के चलते थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया गया है। यह कार्रवाई स्वयं पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल द्वारा जारी आदेश के बाद की गई है।

क्या है मामला? : ग्राम घरघोड़ी निवासी भूपदेव सिंह राठिया द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि थाना घरघोड़ा के प्रभारी हर्षवर्धन सिंह बैस, आरक्षक दिलीप साहू (आर. 378) और प्रेम राठिया (आर. 13) ने उस पर महुआ शराब बनाने का झूठा केस लादने और फिर उसे कमजोर करने के नाम पर डरा-धमकाकर जबरन पैसे की मांग की।

इस गंभीर आरोप की जांच जब उप पुलिस अधीक्षक (सायबर) से कराई गई, तो मामले की परतें खुलती चली गईं। जांच प्रतिवेदन में साफ तौर पर पाया गया कि संबंधित पुलिसकर्मियों ने अपने पदीय कर्तव्यों का घोर उल्लंघन करते हुए अनैतिक और भ्रष्ट आचरण किया है।

तीनों पुलिसकर्मी हुए लाइन अटैच, जांच के आदेश : जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी रायगढ़ ने तत्काल प्रभाव से:

  • निरीक्षक हर्षवर्धन सिंह बैस (थाना प्रभारी, घरघोड़ा)
  • आरक्षक दिलीप साहू
  • आरक्षक प्रेम राठिया

को रक्षित केंद्र रायगढ़ में अटैच करते हुए मामले की प्राथमिक जांच तीन दिवस के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया है।

प्रशासनिक हलकों में हड़कंप : इस कार्रवाई ने न केवल पुलिस विभाग में हलचल मचा दी है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों में एक उम्मीद भी जगी है कि भ्रष्टाचार और पुलिसिया दमन के खिलाफ अब आवाज उठाना व्यर्थ नहीं है।

जनता पूछ रही है – क्या अब होगा शराब माफिया-पुलिस गठजोड़ का पर्दाफाश?…

यह मामला उस व्यापक गठजोड़ की एक झलक भर है, जिसमें कथित रूप से पुलिस, शराब माफिया और स्थानीय प्रभावशाली तत्व शामिल हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या इसी तरह छोटे ग्रामीणों और आदिवासियों को झूठे केसों में फंसाकर अवैध वसूली की जाती रही है?

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Author: Deepak Mittal

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