दीपक मितल, प्रधान संपादक — छत्तीसगढ़
रायपुर, 8 जून |
भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) रायपुर में आयोजित चिंतन शिविर 2.0 के पोस्ट-लंच सत्र में शनिवार को वित्तीय प्रबंधन पर केंद्रित विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में आईआईएम अहमदाबाद के प्रख्यात प्रोफेसर डॉ. रविंद्र ढोलकिया ने “सब्सिडी से सततता : विकास के लिए सार्वजनिक वित्त पर पुनर्विचार” विषय पर प्रेजेंटेशन दिया।
राजकोषीय प्रबंधन की नई सोच पर बल
प्रोफेसर ढोलकिया ने राज्य सरकार के मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों को सार्वजनिक वित्त प्रबंधन के आधुनिक दृष्टिकोण, संसाधनों के प्रभावी उपयोग, राजस्व संग्रहण की रणनीतियाँ और विकासोन्मुख पूंजीगत व्यय बढ़ाने की आवश्यकता पर जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया:
“यदि हमें दीर्घकालिक विकास दर में मजबूती लानी है, तो पूंजीगत व्यय बढ़ाना अनिवार्य है। साथ ही, सब्सिडी के स्थान पर सतत मॉडल की ओर बढ़ना होगा।”
मुख्यमंत्री व मंत्रिमंडल रहे मौजूद
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ राज्य सरकार के सभी मंत्रीगण, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के विशेष सचिव रजत बंसल, और IIM रायपुर के निदेशक प्रो. राम कुमार काकाणी भी मौजूद रहे।
चिंतन शिविर बना नीतिगत मंथन का केंद्र
चिंतन शिविर 2.0 राज्य शासन के प्रशासनिक सशक्तिकरण, जवाबदेही और नीतिगत दक्षता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। इसमें देश के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों व विशेषज्ञों के माध्यम से शासन के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श हो रहा है।
