दल्लीराजहरा। दल्लीराजहरा नगर में शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर महानवमी से पूर्व अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा की भव्य पूजा-अर्चना प्राचीन परंपराओं के अनुरूप विधि-विधान से सम्पन्न हुई। शुभ मुहूर्त में पूरे श्रद्धा भाव से आयोजित इस अष्टमी महापर्व में नगर का वातावरण देवीमय हो उठा।
सुबह से ही मंदिरों और पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं का तांता लग गया। मातृशक्ति की आराधना हेतु महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में भक्तजनों ने पहुंचकर मां दुर्गा के समक्ष पुष्प, धूप, दीप, नारियल, चुनरी और श्रृंगार सामग्री अर्पित की। आरती और मंत्रोच्चार के बीच जब देवी स्तुति गूंजने लगी तो संपूर्ण नगर भक्ति रस में सराबोर हो गया।
दल्लीराजहरा शहर में कन्या पूजन और महाप्रसाद का आयोजन
अष्टमी के अवसर पर कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। परंपरा का निर्वाह करते हुए भक्तों ने नौ कन्याओं और एक बटुक का पूजन कर उन्हें देवी का स्वरूप मानकर भोजन और भेंट अर्पित किया। इसके पश्चात महाप्रसाद वितरण का आयोजन हुआ, जिसमें नगरवासियों ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की।
दल्लीराजहरा नगर में धार्मिक उल्लास का अद्भुत नजारा
अष्टमी पूजन के दौरान दल्लीराजहरा नगर का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय और उल्लासपूर्ण रहा। गली-गली और चौक-चौराहों पर देवी गीत, भजन और डीजे की गूंज सुनाई देती रही। सजावट और रोशनी से सजे पंडाल श्रद्धालुओं को आकर्षित करते रहे। माता की झांकी और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी वातावरण को और अधिक भव्य बना दिया।
आस्था और एकता का प्रतीक
आयोजन समिति ने बताया कि अष्टमी महापर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि यह नगरवासियों के बीच आस्था, श्रद्धा और एकता का प्रतीक है। इस अवसर पर स्थानीय युवाओं और महिला मंडल ने सेवा कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
नगरवासियों ने कहा कि नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा के दरबार में पूजा-अर्चना से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। अष्टमी पर्व पर किया गया पूजन पूरे वर्ष भर के लिए शुभ और मंगलकारी माना जाता है।अष्टमी महापर्व पर देवीमय हुआ नगर, गूंजे जयकारे और भक्ति गीत गूंजते रहे,आस्था से सराबोर दल्लीराजहरा श्रद्धालुओं ने उल्लास के साथ किया मां दुर्गा की अष्टमी पूजा संपन्न हुई,!

Author: Deepak Mittal
