मिशन अस्पताल की जमीन पर कब्जा का रास्ता साफ,हाईकोर्ट ने अस्पताल प्रबंधन को स्टे देने से किया इनकार..

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बिलासपुर : संभाग के सबसे पुराने मिशन अस्पताल पर अब जिला प्रशासन के कब्जा करने का रास्ता साफ हो गया है। नजूल शाखा और नगर निगम की बेदखली नोटिस के खिलाफ दायर अस्पताल प्रबंधन की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। साथ ही नोटिस पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया है। जिला प्रशासन ने कब्जे में लेने की तैयारी शुरू कर दी है।

कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर नगर निगम ने परिसर को खाली करने मिशन अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया था। निगम ने इसके लिए सात दिन की मोहलत दी थी। बेदखली नोटिस और समय पर नजर डालें तो सोमवार को तय समय सीमा का आखिरी दिन है।

नगर निगम, जिला प्रशासन और नजूल शाखा से जारी नोटिस को चुनौती देते हुए मिशन अस्पताल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अस्पताल प्रबंधन ने नोटिस पर रोक लगाने की मांग की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नोटिस को वैधानिक बताया है।

मिशन अस्पताल की स्थापना साल 1885 में हुई। मिशन अस्पताल को लीज पर दिया गया। था। लीज साल 2014 में खत्म हो गई है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने लीज का नवीनीकरण नहीं कराया है। नवीनीकरण के लिए पेश किए गए आवेदन को नजूल न्यायालय ने वर्ष 2024 में खारिज कर दिया

नजूल न्यायायलय के खिलाफ मिशन प्रबंधन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी करने से इन्कार कर दिया।

मिशन अस्पताल प्रबंधन पर यह भी आरोप है कि चैरेटी के लिए जिस जमीन को लीज पर दी गई है। उसे अस्पताल प्रबंधन ने किराए पर देकर आय का साधन बना लिया है। यही नहीं परिसर की जमीन को भी होटल सहित दूसरे काम के लिए किराए पर दे दिया गया है। इसे लेकर भी जिला प्रशासन से शिकायत की गई है।

नगर निगम द्वारा मिशन अस्पताल परिसर पर कब्जा करने के बाद बेशकीमती जमीन उसे मिलेगी। शहर के हिसाब से मौके की जमीन पर व्यावसायिक काम्पलेक्स से लेकर निगम ने अपनी आय बढ़ाने के हिसाब से इस जमीन का बेहतर उपयोग कर सकती है।

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Author: Deepak Mittal

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