31 अक्टूबर को चुलमाटी और 02 नवंबर को विसर्जन पर बनी सहमति
आरंगः इस बार दिवाली मनाने को लेकर चल रही अटकलों के बीच आरंग में नगर के समस्त गौरा-गौरी उत्सव समिति की आवश्यक बैठक राज गौरा गौरी चैरा बरगुड़ी में रखी गई थी। बैठक में आरंग नगर के समस्त गौरा-गौरी उत्सव समिति के पदाधिकारी और प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक राज गौरा के प्रमुख पुनीत राम धु्रव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा के पश्चात अहम निर्णय लिए गए है। जिसमें 28 अक्टूबर को एकादशी होने पर सभी गौरा गुड़ी में फूल कुचने की परंपरा के साथ गौरा-गौरी उत्सव की शुरुआत होगी। वही 31 अक्टूबर को चुलमाटी का कार्यक्रम होगा, जिसके लिए समितियों के सहयोग से पंडरी तालाब स्थित कर्मा माता मंदिर के पास मिट्टी की व्यवस्था करने पर सहमति बनी है।
31 अक्टूबर को दिवाली मनाने के बाद रात में गौरा-गौरी की प्रतिमा बनाने का कार्य शुरू होगा और प्रतिमा को समितियों के गौरा गुड़ी में स्थापित किया जाएगा। समितियों द्वारा 01 नवंबर को पूरे दिन ईशर गौरा-गौरी को अपने अपने गौरा गुड़ी में विराजित करने का निर्णय लिया गया है, इस दौरान श्रद्धालु ईशर गौरा-गौरी के दर्शन कर सकेंगे। 02 नवंबर को धूमधाम के साथ भव्य शोभायात्रा निकालकर गौरा-गौरी की प्रतिमा का पंडरी तालाब में विसर्जन किया जाएगा। इस बैठक में श्री राज गौरा समिति बरगुड़ी पारा, श्री सार्वजनिक गौरा-गौरी समिति केवशी लोधी पारा, ईशर गौरा-गौरी समिति ब्लॉक कालोनी, गौरा-गौरी समिति श्याम बाजार, गौरा-गौरी समिति महामाया पारा, गौरा-गौरी समिति शीतला पारा आरंग, गौरा-गौरी समिति शास्त्री नगर, गौरी-गौरा समिति घुमराभाठा, गौरा-गौरी उत्सव समिति बैहार के पदाधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
संकलनकर्ता – रोशन चंद्राकर
