फरियादी ने 6 महीने विलंब से की थी रिपोर्ट
डीएनए रिपोर्ट बनी सजा का आधार
रतलाम से इमरान खान की रिपोर्ट
रतलाम 6 वर्ष पुराने दुष्कर्म के मामले में आरोपी को डीएनए रिपोर्ट के आधार पर तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने 10 वर्ष के कारावास एवं 15 सौ रुपए के अर्थ दंड से दंडित कियाl फरियादी ने 6 माह के विलंब से रिपोर्ट की थी।
अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता सतीश त्रिपाठी ने हरमुद्दा कोबताया कि घटना 13 दिसंबर 2019 की है। फरियादी ने 13 जून 2020 को महिला पुलिस थाना रतलाम में रिपोर्ट लिखवाई कि वह ग्राम सरवनी खुर्द में रहती है। आज से 6 माह पहले वह अपनी गाय को पानी पिलाने दिन में करीब 12 खेत के नीचे बनी खाली पर गई थी। तभी वहां पर आरोपी मुन्ना पिता रायसिंह मोरी उम्र 20 वर्ष निवासी सरवनी खुर्द आया और उसके साथ जान से मारने की धमकी देकर जबरदस्ती दुष्कर्म किया। उसने डर के कारण घटना घर पर नहीं बताई थी। वह गर्भवती हो गई थी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर अपराध क्रमांक 2 / 2020 धारा 376 506 भारतीय दंड संहिता का पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार करके न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था। प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक निशा चौबे द्वारा की गई थी।
डीएनए रिपोर्ट बनी आधार
प्रकरण की विवेचना के दौरान फरियादी गर्भवती होने के कारण पुलिस द्वारा डीएनए जांच कराई गई थी l जिसमें यह प्रमाणित हुआ कि आरोपी ने फरियादी के साथ दुष्कर्म किया था l
आरोपी मुन्ना को 10 वर्ष की मिली सजा
न्यायालय में अभियोजन ने यह प्रमाणित किया है कि आरोपी मुन्ना ने फरियादी की इच्छा के विरुद्ध एवं सहमति के बिना उसके साथ दुष्कर्म किया एवं जान से मारने की धमकी दी थी l आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत 10 वर्ष का कारावास एवं ₹1000 का जुर्माना एवं 506 भाग 2 के तहत 3 वर्ष का कारावास एवं ₹500 का जमाने से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता सतीश त्रिपाठी ने की।
Author: Deepak Mittal









