देश का पहला डिजिटल संग्रहालय तैयार — दिखेगी आदिवासी नायकों की शौर्यगाथा, पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण
राज्योत्सव पर नवा रायपुर में खुलेगा “शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय”, छत्तीसगढ़ के 16 आदिवासी विद्रोहों की झलक मिलेगी डिजिटल अंदाज़ में
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर अटल नगर में तैयार हो रहा देश का पहला डिजिटल संग्रहालय अब उद्घाटन के लिए पूरी तरह तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्योत्सव के अवसर पर इस भव्य “शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय सह स्मारक” का लोकार्पण करेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर बन रहा यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शौर्य, बलिदान और ऐतिहासिक गौरव को डिजिटल रूप में प्रदर्शित करेगा।
डिजिटल रूप में दिखेगा छत्तीसगढ़ का आदिवासी इतिहास
संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ में हुए 16 प्रमुख आदिवासी विद्रोहों की झलक ऑडियो-वीडियो और डिजिटल स्क्रीन के जरिए देखने और सुनने को मिलेगी।
इनमें हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट, तारापुर, लिंगागिरी, कोई, मेरिया, मुरिया, रानी चौरिस, भूमकाल, सोनाखान विद्रोह, साथ ही झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह शामिल हैं।
भारत सरकार के केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय के अधिकारियों ने संग्रहालय का निरीक्षण किया और इसकी भव्यता व जीवंत प्रस्तुति की सराहना की।
1400 वर्ष पुराने साल वृक्ष की प्रतिकृति बनेगी केंद्र आकर्षण
प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि यह संग्रहालय जनजातीय समाज के संघर्ष और गौरव का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
संग्रहालय के मुख्य द्वार पर सरगुजा के कलाकारों द्वारा बनाए गए नक्काशीदार पैनल लगाए जाएंगे।
अंदर प्रवेश करते ही आगंतुकों का स्वागत लगभग 1400 वर्ष पुराने साल वृक्ष की प्रतिकृति से होगा, जिसकी पत्तियों पर 14 विद्रोहों का जीवंत वर्णन उकेरा गया है।
इंटरैक्टिव अनुभव और आधुनिक सुविधाएं
केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय की ओएसडी रंजना चोपड़ा ने संग्रहालय परिसर में
-
सुंदर पाथवे और लाइटिंग व्यवस्था,
-
गैलरी में ट्राइबल आर्ट का समावेश,
-
शहीद वीर नारायण सिंह के जेल रिकॉर्ड, आदेश पत्र और ऐतिहासिक तलवार का प्रदर्शन,
-
और डिजिटल स्क्रीन, डॉक्यूमेंट्री फिल्में, सेल्फी प्वाइंट जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए।
प्रत्येक गैलरी में क्यूआर कोड आधारित ऑडियो-वीडियो व्यवस्था होगी, जिससे आगंतुक अपने मोबाइल से स्कैन कर पूरी जानकारी सुन और देख सकेंगे।
14 गैलरियों में सजी शौर्यगाथाएं
संग्रहालय की 14 गैलरियों में आदिवासी वीरों के संघर्ष, बलिदान और शौर्य के दृश्य जीवंत रूप में प्रदर्शित किए जाएंगे।
यह संग्रहालय न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव और प्रेरणा का केंद्र बनने जा रहा है।

Author: Deepak Mittal
