बिलासपुर में अधूरी सिंचाई योजनाएं बनीं भूजल संकट की वजह, कलेक्टर ने दिए मरम्मत और जल संरक्षण के सख्त निर्देश

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जे के मिश्र
जिला ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7 in बिलासपुर

बिलासपुर। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक ली और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले में अधूरी सिंचाई योजनाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के अधूरे रहने से सतही जल का संरक्षण नहीं हो पा रहा है, और यह भूजल स्तर में गिरावट का बड़ा कारण बन रहा है।

कलेक्टर ने कहा, “हमने वर्षों से जमीन के नीचे का पानी खींचा है, अब जरूरत है कि हम वापस उस पानी को भूमिगत करें। डेम और एनिकट के गेटों की मरम्मत का काम तत्काल पूरा किया जाए ताकि बारिश का पानी रोका जा सके। नाला बंधान, परकुलेशन टैंक जैसी संरचनाओं का निर्माण अनिवार्य है।”

उन्होंने निर्देश दिए कि हर गांव में कम से कम एक परकुलेशन टैंक तैयार किया जाए और जल संरक्षण के प्रयासों में ग्रामीणों को जोड़ा जाए। “गांव का पानी गांव में ही रुके, यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए,” कलेक्टर ने कहा।

समीक्षा बैठक में सीईओ जिला पंचायत संदीप अग्रवाल, एडीएम आर ए कुरुवंशी, जल संसाधन विभाग के ईई मधु चंद्रा, सभी एसडीओ और सब इंजीनियर मौजूद रहे। कलेक्टर ने साफ कर दिया कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी अधूरे प्रोजेक्ट तय समयसीमा में पूरे किए जाएं।

उन्होंने विशेष तौर पर राजनांदगांव जिले का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जल संरक्षण को लेकर बेहतरीन पहल की गई है, जिससे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। इसके साथ ही किसानों को फसल चक्र में बदलाव के लिए प्रोत्साहित करने की भी बात कही गई।

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Author: Deepak Mittal

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