शिक्षक बिना पढ़ाए पाँच साल से वेतन ले रहा, शिक्षा विभाग की मिलीभगत उजागर

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स्वपना माधवानी की रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डौंडी-लोहरा ब्लॉक अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला हड़गहन में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, स्कूल में पदस्थ शिक्षक मानसिंह ठाकुर, जो लकवाग्रस्त हैं और पढ़ाने में पूरी तरह अक्षम हैं, विभागीय मिलीभगत के चलते पिछले पाँच वर्षों से बिना पढ़ाए नियमित वेतन प्राप्त कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग की सीधी लापरवाही और संलिप्तता से यह संभव हुआ है। बताया जा रहा है कि शिक्षक स्वयं चल-फिर भी नहीं सकते और पढ़ा भी नहीं सकते, उनकी जगह उनकी बेटी कक्षाओं में पढ़ाने का काम करती है। रोज़ाना ठाकुर को स्कूल तो लाया जाता है, लेकिन उन्हें एक कमरे में लिटा दिया जाता है और कागज़ों में उन्हें सक्रिय शिक्षक दिखाया जाता है।

ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला केवल शिक्षक तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें प्रधान शिक्षक जे.पी. सिन्हा और स्कूल प्रबंधन समिति की भूमिका भी संदिग्ध है। लाखों रुपये का सरकारी धन हर महीने वेतन के रूप में बर्बाद हो रहा है, वहीं स्कूल का माहौल बेहद चिंताजनक है। बच्चे गंदे और बदबूदार कमरों में पढ़ने को मजबूर हैं। संसाधनों की भारी कमी से शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

जब हमारी टीम ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हिमांशु मिश्रा से इस मामले पर सवाल किए तो उन्होंने सीधे तौर पर जवाब देने से इनकार कर दिया।

ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि

दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो,

संबंधित शिक्षक से अनुचित वेतन की वसूली की जाए,

नियुक्ति एवं वित्तीय गड़बड़ियों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए,

और बच्चों की सुरक्षा व पढ़ाई की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।

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Author: Deepak Mittal

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