धान कटाई में जुटे किसान, मजदूरों की कमी बनी चुनौती

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15 नवम्बर से समर्थन मूल्य पर खरीदी, 3100 रुपये प्रति क्विंटल तय

निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111

मुंगेली :  दीपावली और एकादशी के त्यौहार बीतते ही किसानों ने फसल कटाई में तेजी आई है। खेतों में पककर तैयार हो चुके धान की कटाई और मिसाई का कार्य ग्रामीण अंचलों में जोर पकड़ चुका है। जल्द पकने वाली हरूना धान की फसल सबसे पहले तैयार हो जाने के कारण किसान मजदूरों एवं परिवारजनों के साथ खेतों में उतर गए हैं। इस वर्ष मौसम ने किसानों का साथ दिया है।

कई दिनों से खिली धूप के कारण खेतों में भरा पानी सूख गया है और नमी समाप्त हो गई है, जिससे धान कटाई का वातावरण पूरी तरह अनुकूल बन गया है। हालांकि, कई गांवों में धान कटाई के लिए मजदूरों की कमी की समस्या भी सामने आ रही है। मजदूरों की अनुपलब्धता के चलते किसान अपने परिवार के सदस्यों के साथ ही धान काटने में जुटे हैं। वहीं, बड़े और सक्षम किसान हार्वेस्टर मशीनों से फसल कटाई की तैयारी कर रहे हैं।

इस खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए राज्य सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 15 नवम्बर से प्रारंभ होकर 31 जनवरी 2026 तक चलेगी। जिला प्रशासन ने सभी उपार्जन केंद्रों में आवश्यक तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। इधर, बाजारों में बारदाने की मांग भी बढ़ गई है। किसान खरीदी केंद्रों में धान पहुंचाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

कम रकबा वाले किसान मजदूर नहीं मिलने से स्वयं ही धान काटने को मजबूर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अब युवाओं का खेती से जुड़ाव कम होता जा रहा है, जबकि महिलाएं और अधेड़ वर्ग के लोग ही खेतों में मेहनत कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि खेती का खर्च लगातार बढ़ रहा है। मजदूरी, खाद, बीज और मशीनों की लागत बढ़ने से धान उत्पादन महंगा होता जा रहा है। वहीं कुछ क्षेत्रों में सरना धान की फसल अभी भी पकने की प्रक्रिया में है, जिसकी कटाई कुछ दिनों बाद शुरू होगी।

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Author: Deepak Mittal

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