जे के मिश्र / आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार सौम्या चौरसिया ने अपनी अग्रिम जमानत अर्जी को हाईकोर्ट से वापस ले लिया है। अब उन्हें जेल से बाहर आने के लिए नियमित जमानत अर्जी दाखिल करनी होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाले में उनकी गिरफ्तारी के बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी आरोपित किया गया है। 2 जुलाई 2024 को सौम्या चौरसिया, निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और समीर विश्नोई के खिलाफ तीन नई एफआईआर दर्ज की गई थीं। इन एफआईआर के बाद ईडी के केस में सुप्रीम कोर्ट से बेल मिलने के बावजूद, सौम्या पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप कायम है, और इस मामले में अब एसीबी की टीम उनसे पूछताछ करेगी।
सौम्या चौरसिया ने पहले सुप्रीम कोर्ट से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत ली थी और बाद में उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की थी, लेकिन ईओडब्ल्यू की टीम ने उन्हें रायपुर जेल में गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उनकी अग्रिम जमानत अर्जी का कोई मतलब नहीं रह गया, इसलिए उन्होंने इसे वापस लेकर अब नियमित जमानत के लिए नई अर्जी दायर करने का निर्णय लिया है।
सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद उनके वकील ने कोर्ट को यह बताया कि उनके खिलाफ कई मामले दुर्भावना के चलते दायर किए गए हैं। उनके मुताबिक, बार-बार नए मामलों में फंसाकर उन्हें जेल भेजने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि सौम्या चौरसिया कांग्रेस सरकार में एक प्रभावशाली अफसर रही हैं और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी अधिकारी थीं। उन्हें 2 दिसंबर 2022 को ईडी द्वारा कोयला घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद हैं।

Author: Deepak Mittal
