किसानों को राहत या आने वाला संकट? महासमुंद में 86 हजार टन खाद स्टॉक, फिर भी निगरानी क्यों ज़रूरी?

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महासमुंद।
खरीफ सीजन 2025 के लिए महासमुंद ज़िले में खाद वितरण को लेकर प्रशासन ने बड़ी तैयारी कर ली है। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देश पर जिले के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के पास खाद का 86,991 मीट्रिक टन का भंडारण किया गया है।

हालांकि इतनी बड़ी मात्रा में खाद उपलब्ध होने के बावजूद, प्रशासन लगातार वितरण पर पैनी निगाह बनाए हुए है — और इसके पीछे की वजह कुछ चौंकाने वाली सच्चाइयाँ भी हो सकती हैं।

 क्या है आंकड़ा?

  • कुल खाद भंडारण (अब तक): 86,991 मीट्रिक टन

  • अब तक वितरण: 72,802 टन

  • वितरण प्रतिशत: 83.69%

 भंडारित खाद का प्रकार:

खाद का नाम कुल भंडारण (टन) अब तक शेष (टन)
यूरिया 44,977 5,889
सुपर फॉस्फेट 21,024 4,243
पोटाश 3,498 704
डीएपी 9,981 1,424
एनपीके 7,511 1,929

 सख्त प्रशासन, अवैध भंडारण पर कार्रवाई तय

कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि सभी विक्रेता POS मशीन से ही विक्रय करें। वहीं निजी दुकानों में अवैध भंडारण पाए जाने पर सीधी जब्ती की कार्रवाई होगी।

जिला विपणन अधिकारी के मुताबिक, नीम कोटेड यूरिया का नया 1,000 टन का रेक भी महासमुंद पहुंच चुका है, जो चार संग्रहण केंद्रों में वितरित किया जाएगा:

  • महासमुंद: 200 टन

  • बागबाहरा: 250 टन

  • पिथौरा: 200 टन

  • बसना: 350 टन

 प्रशासन क्यों बना रहा है सख्त निगरानी?

काफी खाद का वितरण हो चुका है, फिर भी अधिकारियों की निगरानी लगातार जारी है।
क्या कालाबाज़ारी की आशंका है?
क्या वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने की चुनौती है?
इन सवालों ने पूरे ज़िले में हलचल मचा दी है।

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Author: Deepak Mittal

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