रक्षाबंधन का पर्व इस साल 9 अगस्त 2025, शनिवार को पूरे देश में उत्साह और परंपरा के साथ मनाया जाएगा। भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के प्रतीक इस त्यौहार पर बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, सुख-शांति और समृद्धि की कामना करती हैं।
इस शुभ अवसर पर रक्षाबंधन की थाली का विशेष महत्व होता है। थाली की प्रत्येक वस्तु का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यदि सभी सामग्री सही तरीके से रखी जाए तो यह भाई के लिए सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। आइए जानते हैं क्या-क्या होना चाहिए राखी की थाली में—
थाली और कपड़ा थाली धातु की होनी चाहिए — जैसे सोना, पीतल, कांसा या तांबा। इस पर लाल, पीले या गुलाबी रंग का कपड़ा बिछाना शुभ माना जाता है।
अक्षत और हल्दी थोड़े से बिना टूटे चावल (अक्षत) और उनमें हल्दी मिलाकर रखने से सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
घी का दीपक दीपक जलाना रक्षाबंधन की पूजा का एक अभिन्न हिस्सा है। घी का दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और आरती से भाई को दीर्घायु और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
कुमकुम या केसर कुमकुम, सिंदूर या केसर का तिलक भाई के मस्तक पर लगाया जाता है, जिसे शुभता और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
राखी या मौली थाली की सबसे जरूरी वस्तु — राखी। यदि राखी उपलब्ध न हो, तो मौली (कलावा) बांधना भी उतना ही पुण्यकारी माना गया है।
मिठाई थाली में मिठाई जरूर रखें, क्योंकि यह प्रेम, मिठास और शुभता का प्रतीक है। राखी के बाद बहनें भाई को मिठाई खिलाकर रिश्ते की मधुरता को और गहरा करती हैं।
नारियल राखी की थाली में नारियल (श्रीफल) जरूर रखें, जिसे मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को प्रिय माना जाता है। यह समृद्धि और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का प्रतीक है।
एक लोटा जल पीतल या तांबे के लोटे में रखा जल संकल्प और पवित्रता का प्रतीक होता है। इसमें थोड़ा गंगाजल मिलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
पान-सुपारी पान और सुपारी रखना धार्मिक दृष्टि से आवश्यक माना गया है। यह भगवान गणेश, शिव और विष्णु को समर्पित है और भाई को धन-सम्पत्ति का आशीर्वाद देता है।
