
(जे के मिश्र) : बिलासपुर: मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक में तैनात ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी (आरएईओ) गुलाब सिंह राजपूत को कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है।
गुलाब सिंह पर आरोप है कि वह अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिलासपुर और रायपुर में कोचिंग संस्थान चला रहे थे। शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने मामले की जांच कराई और आरोप सही पाए जाने पर यह कार्रवाई की।
गुलाब सिंह राजपूत की नियुक्ति श्रवण बाधित दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर हुई थी और वह लोरमी ब्लॉक में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर कार्यरत थे।
उनके खिलाफ यह आरोप था कि वह बिलासपुर में मुख्य डाकघर के पास ‘साईं कृषि कोचिंग इंस्टीट्यूट’ और रायपुर में ‘अन्वेषण एग्रीकल्चर कोचिंग इंस्टीट्यूट’ के नाम से कोचिंग संस्थान चला रहे थे। इन कोचिंग सेंटरों में कई छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे थे।
शिकायत के बाद कार्रवाई
कलेक्टर के पास इस बात की शिकायत आई थी कि गुलाब सिंह राजपूत अपने सरकारी पद का दुरुपयोग कर निजी कोचिंग सेंटर चला रहे हैं।
शिकायत के आधार पर कलेक्टर ने मामले की जांच कराई, जिसमें यह साबित हुआ कि गुलाब सिंह राजपूत न केवल बिलासपुर में बल्कि रायपुर में भी कोचिंग संस्थान चला रहे थे। शिकायत की पुष्टि होने के बाद कलेक्टर ने तुरंत गुलाब सिंह राजपूत को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उन्हें सहायक संचालक कार्यालय, मुंगेली में संलग्न किया गया है।
फर्जी प्रमाण पत्र का भी आरोप
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रामकृष्ण गोपाल ने हाल ही में श्रवण बाधित 50 लोगों के फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी हासिल करने की शिकायत की थी।
उनका कहना था कि 2016 और 2018 में दिव्यांगों की विशेष भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में विभिन्न कैटेगरी के तहत इनकी नियुक्ति हुई थी। आरोप है कि गुलाब सिंह राजपूत ने फर्जी तरीके से श्रवण बाधित दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी कर दिए, जिससे कई लोगों को नौकरी मिल गई।
प्रशासन की सख्ती
कलेक्टर की इस कार्रवाई से साफ है कि प्रशासन अनियमितताओं और पद का दुरुपयोग करने वालों पर सख्त नजर रखे हुए है। सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के मामलों में कठोर कार्रवाई की जा रही है, ताकि सरकारी सेवाओं की विश्वसनीयता बनी रहे और किसी भी प्रकार का दुरुपयोग न हो।

Author: Deepak Mittal
