लोकनिर्माण विभाग का कारनामा 2.28 करोड़ का भुगतान ठेकेदार को बर्खास्तगी के बाद भी निर्माण कार्य अभी भी अधूरे ग्रामीणों में रोष

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(जे के मिश्र ) बिलासपुर – लोक निर्माण विभाग के संभाग क्रमांक 2 ने बोड़सरा से खरकेना, भौंराकछार से दर्रीरोड, और तेंदुआ से मूर्तिपारा कजलपारा बैगा ग्राम तक सड़कों का निर्माण करने के लिए 2021 में टेंडर जारी किया था। करीब 10.68 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट का ठेका मेसर्स जिंदल कंस्ट्रक्शन को मिला, जिन्होंने टेंडर शर्तों के तहत 20 प्रतिशत कम दर पर यह ठेका लिया।

शुरुआती कुछ महीनों तक काम हुआ, लेकिन फिर ठेकेदार ने अचानक से निर्माण कार्य रोक दिया। इस पर तत्कालीन कार्यपालन अभियंता (ईई) अरविंद चौरसिया ने 25 जून 2024 को ठेकेदार को बर्खास्त कर दिया। लेकिन चौरसिया की सेवानिवृत्ति के बाद, प्रभारी ईई वीएनके शास्त्री ने ठेका फिर से बहाल कर दिया और ठेकेदार को 2.28 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया।

अधूरे काम से ग्रामीण परेशान

विभाग द्वारा सड़क निर्माण के लिए 18 नवंबर 2022 तक का समय तय किया गया था, लेकिन ठेकेदार ने बीच में ही काम बंद कर दिया। ग्रामीणों ने अधूरे काम की शिकायत की, जिसके बाद विभाग हरकत में आया। अब तक सड़कों और नालियों का निर्माण अधूरा है, जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बर्खास्तगी का आदेश ठेकेदार तक नहीं पहुंचा

पूर्व ईई अरविंद चौरसिया की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। ठेकेदार को पहले जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन जवाब न आने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। यह भी सामने आया है कि बर्खास्तगी का आदेश ठेकेदार को मिला ही नहीं था, और यह पत्र विभाग से गायब कर दिया गया था।

प्रशासनिक लापरवाही और ठेकेदार पर मेहरबानी

प्रभारी ईई शास्त्री द्वारा ठेका बहाल करते हुए ठेकेदार को 2.28 करोड़ रुपये का भुगतान करना ग्रामीणों में रोष का कारण बना हुआ है। अधूरे काम के बावजूद ठेकेदार पर यह मेहरबानी समझ से परे है। ग्रामीणों की उम्मीदें अब अधिकारियों से न्यायपूर्ण कार्रवाई की हैं, ताकि जल्द से जल्द सड़क और नाली निर्माण पूरा हो सके और उन्हें राहत मिल सके।

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Author: Deepak Mittal

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