जे के मिश्र / बिलासपुर – जनपद पंचायत गढ़वट के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में गरीबों के लिए स्वीकृत हितग्राही सूची में गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व सरपंच कपिल कश्यप और पंचायत सचिव प्रीति बैस ने 2016 में आयोजित ग्राम सभा में स्वीकृत 545 हितग्राहियों की सूची से 124 गरीब परिवारों के नाम जानबूझकर हटा दिए।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम सभा की बैठक में आर्थिक, सामाजिक और जातिगत जनगणना 2011 के आधार पर 545 हितग्राहियों के नाम स्वीकृत किए गए थे, जिनमें 8 एसटी, 16 एससी और 521 ओबीसी वर्ग के हितग्राही शामिल थे। इस सूची को पंचायत ने स्वीकृत कर जनपद पंचायत को भेजा था, लेकिन जब योजना का लाभ वितरित किया गया तो 124 वास्तविक हितग्राही सूची से गायब थे और इसका फायदा कुछ संपन्न लोगों को मिला।
कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ग्रामीणों ने की शिकायत
ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई और इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि पहले भी इस गड़बड़ी की शिकायत जनपद और जिला पंचायत में की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
48 घंटे में कार्रवाई न होने पर घेराव की चेतावनी
ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय में चेतावनी दी थी कि अगर 48 घंटे के भीतर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई, तो वे कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे। जब 48 घंटे बीतने के बाद भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो ग्रामीण मंगलवार को घेराव करने पहुंच गए।
न्यायालय में लंबित है मामला
ग्राम पंचायत गढ़वट में प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय निर्माण में हुए कथित भ्रष्टाचार का मामला पहले से ही उच्च न्यायालय में लंबित है। ग्रामीणों ने न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है और अब वे जिला प्रशासन से भी इस मामले में सख्त और त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि गरीब परिवारों को उनका हक मिल सके।
ग्रामीणों का कहना है कि गरीब और असहाय लोगों के नामों को सूची से जानबूझकर हटाया गया और उन्हें अब तक इस योजना का कोई लाभ नहीं मिला। अब वे उम्मीद कर रहे हैं कि जिला प्रशासन जल्द ही इस मामले में हस्तक्षेप कर गरीबों को उनका अधिकार दिलाएगा।
