जे.के. मिश्र, जिला ब्यूरो चीफ
NBT24x7.in, बिलासपुर
बिलासपुर।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल की वर्ष 2006 में अपोलो अस्पताल में हुई मृत्यु के मामले में पुलिस ने जांच की रफ्तार बढ़ा दी है। शनिवार को सरकंडा थाना पुलिस ने फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को सघन पूछताछ के लिए अपोलो अस्पताल लेकर पहुंची, जहां भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ की गई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, राजेंद्र शुक्ल को हृदय संबंधी परेशानी के चलते 2006 में अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सर्जरी की जिम्मेदारी उस समय कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत नरेंद्र यादव को सौंपी गई थी। इलाज के 19 दिन बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और मृत्यु हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर को हटा दिया था, लेकिन तब कोई आपराधिक जांच नहीं की गई।
हाल ही में मध्यप्रदेश के दमोह में नरेंद्र यादव द्वारा इलाज के बाद कई लोगों की मौत के मामले सामने आए, जिससे यह खुलासा हुआ कि उसकी चिकित्सकीय डिग्री फर्जी है। इस खुलासे के बाद राजेंद्र शुक्ल की मौत का मामला फिर से जांच के घेरे में आ गया, और उनके परिजनों ने अपोलो प्रबंधन व डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
पुलिस अब अस्पताल प्रबंधन की भूमिका की भी जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि यदि यह साबित होता है कि प्रबंधन को डॉक्टर की योग्यता पर संदेह था, फिर भी उसे मरीजों का इलाज करने दिया गया, तो प्रबंधन पर भी आपराधिक लापरवाही का मामला बन सकता है।
फिलहाल आरोपी डॉक्टर से पूछताछ जारी है, और जांच के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Author: Deepak Mittal
