दीपक मितल प्रधान संपादक छत्तीसगढ़
बालोद, 21 जून —आज पूरा देश ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ के संकल्प के साथ 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। इसी कड़ी में बालोद जिले के समता भवन में जैन श्रीसंघ के तत्वावधान में भव्य योग शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों, वरिष्ठजनों व महिला मंडल की सक्रिय भागीदारी रही।
योग प्रशिक्षक श्री धनकर ने योग की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा,
> “योग केवल शारीरिक कसरत नहीं, यह मन और आत्मा को संतुलन में लाने की साधना है। प्रत्येक नागरिक को प्रतिदिन एक घंटा अपने स्वास्थ्य के लिए देना चाहिए, ताकि वह शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक रूप से सशक्त बन सके।”
उन्होंने विभिन्न आसनों व प्राणायामों के साथ प्रतिभागियों को योगाभ्यास करवाया और सभी से आग्रह किया कि वे स्वयं योग करें और आने वाली पीढ़ी को भी इसके लिए प्रेरित करें, क्योंकि यही भारत के उज्ज्वल भविष्य के निर्माता हैं।
सीए मुकेश श्रीश्रीमाल ने प्रशिक्षक व उपस्थित जनों के प्रति आभार जताते हुए कहा,
> “यह हमारे देश के लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से 2015 से संपूर्ण विश्व 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मना रहा है। योग भारत की सांस्कृतिक धरोहर है, इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर हम स्वस्थ भारत का सपना साकार कर सकते हैं।”
इस अवसर पर शहर के अनेक गणमान्य नागरिक—रूपचंद गोलछा, मांगीलाल ढ़ेलडिया, मनोहर नाहटा, सोहन नाहटा, निर्मल नाहटा, ज्ञानचंद ललवानी, प्रमोद गोलछा, कमल पारख, हितेश पारख, महेंद्र नाहर, एवं महिला मंडल की सदस्याएं प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं।
देशभर में दिखा योग का उत्साह:
आज देश के कोने-कोने में स्कूलों, कॉलेजों, पंचायत भवनों, शासकीय कार्यालयों, और पार्कों में लाखों लोगों ने सामूहिक योगाभ्यास किया। ग्रामीणों से लेकर शहरी नागरिकों तक, सभी ने मिलकर यह संदेश दिया कि “योग, स्वास्थ्य का सशक्त माध्यम है।”
योग अब केवल अभ्यास नहीं, आंदोलन बन चुका है।
एक दिन नहीं, हर दिन योग हो—इसी भाव के साथ बालोदवासियों ने यह संदेश देशभर को दिया।
“करें योग, रहें निरोग — यही है आज के भारत की सच्ची पहचान।”
