आखिर क्यों भाजपा नेता पर भड़की थाना प्रभारी गायत्री सोनी?
– रतलाम से इमरान खान की रिपोर्ट
रतलाम। प्रदेशभर में रक्षाबंधन महोत्सव के माध्यम से महिलाओं के सम्मान का संदेश देने वाली भाजपा सरकार के बीच एक ऐसा वाकया सामने आया है, जो पार्टी की कथनी और करनी पर सवाल खड़े करता है। जहां एक ओर रक्षाबंधन के मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय ने महिला थाना प्रभारी गायत्री सोनी से राखी बंधवाकर महिलाओं की रक्षा का वचन दिया, वहीं दूसरी ओर पार्टी के ही जिला महामंत्री निर्मल कटारिया पर उसी महिला टीआई से अभद्र व्यवहार करने के आरोप लग रहे हैं।
मामला औद्योगिक क्षेत्र थाना का है, जहां महिला थाना प्रभारी गायत्री सोनी ने नियमों के तहत नाबालिग वाहन चालकों पर कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान भाजपा नेता निर्मल कटारिया के भतीजे का भी चालान बना, जिससे नाराज होकर कटारिया थाने पहुंच गए और थाना प्रभारी से तीखी बहस की। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने ना सिर्फ महिला टीआई से अभद्र भाषा में बात की बल्कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश भी की।
महिला थाना प्रभारी ने जब उन्हें कानून व्यवस्था और जिम्मेदार नागरिक के रूप में भूमिका निभाने की बात कही, तो नेता जी आगबबूला हो गए। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि टीआई गायत्री सोनी को स्पष्ट शब्दों में कहना पड़ा, “आपको बात करने की तमीज नहीं है।”
भाजपा नेता ने लगाए महिला टीआई पर आरोप
इस घटनाक्रम के बाद भाजपा नेता निर्मल कटारिया ने भी मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखा और महिला टीआई पर पक्षपातपूर्ण रवैये और पार्टी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया।
नाबालिग वाहन चालकों पर कार्रवाई की पृष्ठभूमि
बता दें कि शहर के अलकापुरी क्षेत्र में हाल ही में एक डेढ़ वर्षीय मासूम की मौत नाबालिग चालक की लापरवाही से हुई थी। इस घटना के बाद ट्रैफिक डीएसपी अनिल सोनी के निर्देशन में जिलेभर में नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू किया गया है। इसी क्रम में कार्रवाई के दौरान भाजपा नेता के परिजन की गाड़ी रोकी गई, जिससे नाराज होकर नेताजी थाने जा पहुंचे।
नेताओं का दबाव, कानून व्यवस्था पर सवाल
शहर में समय-समय पर पुलिस द्वारा यातायात नियमों को लेकर अभियान चलाए जाते हैं। लेकिन जब नियमों का पालन नेताओं या उनके परिजनों पर होता है, तो अक्सर थाने में दबाव बनाया जाता है। सवाल यह है कि क्या कानून सबके लिए समान नहीं होना चाहिए? क्या पार्टी के नेता अपनी ही सरकार की पुलिस पर दबाव बनाकर गलत संदेश नहीं दे रहे?
महिला सम्मान की बात और व्यवहार में विरोधाभास
एक ओर भाजपा द्वारा महिला सशक्तिकरण और सम्मान की बात की जाती है, रक्षाबंधन जैसे पर्वों को महोत्सव के रूप में मनाया जाता है, वहीं दूसरी ओर महिला अधिकारियों से दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसे में यह विरोधाभास पार्टी की छवि पर सवाल खड़ा करता है।
