एनटीपीसी के उप महाप्रबंधक विजय दुबे 4.5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार: ACB की अब तक की सबसे बड़ी ट्रैप कार्रवाई

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रायगढ़: छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है। इसी कड़ी में आज रायगढ़ में बड़ी कार्रवाई करते हुए ACB ने एनटीपीसी के उप महाप्रबंधक (DGM) विजय दुबे को साढ़े चार लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद ACB की अब तक की सबसे बड़ी ट्रैप कार्रवाई मानी जा रही है।

शिकायत और जांच की पृष्ठभूमि
प्रार्थी सौदागर गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके और उनके पुत्रों के लिए मकान और जमीन के अधिग्रहण के बाद उन्हें पुनर्वास के लिए कुल 30 लाख रुपये मिलने थे। इस रकम में से 14 लाख पहले ही प्राप्त हो चुके थे। बाकी 16 लाख रुपये दिलाने के एवज में, आरोपी उप महाप्रबंधक ने 5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने पहले ही आरोपी को 50,000 रुपये अग्रिम दे दिए थे, लेकिन वे रंगे हाथ पकड़वाना चाहते थे।

ट्रैप कार्रवाई
शिकायत की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, ACB की टीम ने 16 सितंबर को विजय दुबे को 4.5 लाख रुपये लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने अपराध छिपाने के लिए प्रार्थी को पेट्रोल पंप के पास बुलाकर राशि ली थी।

कानूनी कार्रवाई
ACB ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया। आरोपी की अन्य संपत्तियों की भी जांच शुरू कर दी गई है।

राज्य में अब तक की सबसे बड़ी ट्रैप कार्रवाई
ACB सूत्रों के अनुसार, यह राशि छत्तीसगढ़ में अब तक किसी अधिकारी के खिलाफ की गई सबसे बड़ी ट्रैप कार्रवाई है। पिछले एक वर्ष में रायगढ़ जिले में यह ACB बिलासपुर की आठवीं ट्रैप कार्रवाई है।

वरिष्ठ अधिकारियों का बयान
एसीबी अधिकारियों ने कहा कि “भ्रष्टाचार से समाज और प्रशासन दोनों प्रभावित होते हैं। ऐसी कार्रवाई आम जनता में विश्वास बढ़ाने और प्रशासन को पारदर्शी बनाने में मदद करती है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपी की अन्य संपत्तियों और लेन-देन की जानकारी जुटाई जा रही है।

साफ संदेश:
इस कार्रवाई से यह संदेश गया कि भ्रष्टाचार करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। एसीबी ने जनता से अपील की है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाए तो उसकी जानकारी तुरंत एसीबी को दें।

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Author: Deepak Mittal

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