PM Ujjwala Yojana: सरकार ने दो अहम फैसले लिए हैं। पहला लागत से कम दाम पर एलपीजी सिलेंडर बेचने से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) को होने वाले नुकसान की भरपाई किश्तों में की जाएगी।इसके अलावाववप्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत मिलने वाले सिलेंडरों की संख्या 12 से घटाकर 9 कर दी गई है।
एलपीजी नुकसान की भरपाई की बात करें तो कैबिनेट ने 30,000 करोड़ रुपये के नकद मुआवजे को मंजूरी दी, जिसके तहत यह तेल विपणन कंपनियों को 12 किश्तों में दिया जाएगा। पहली किश्त इसी साल सितंबर-अक्टूबर में मिलने की उम्मीद है।
किश्तों में भुगतान करने से क्या होगा?
सरकार लागत से कम दाम पर एलपीजी सिलेंडर बेचने से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को होने वाले 30 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई 12 किश्तों में करेगी। इससे तेल ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को इस वित्तीय वर्ष 2026 में 15 हजार रुपये करोड़ मिलेंगे और बाकी पैसा अगले वित्तीय वर्ष 2027 में नए बजट के जरिए दिया जाएगा जो फरवरी 2026 में पेश होगा।
CNBC-TV18 के सूत्रों के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष 2026 में दी जाने वाली सप्लाई के लिए आपातकालीन निधि से निकासी की मंजूरी मांगी जा सकती है। अब बात करते हैं किस्तों में घाटे की भरपाई की, अगर इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को मिलाकर 30 हजार करोड़ रुपये दिए जाते हैं तो राजकोषीय घाटा 8 आधार अंकों तक बढ़ सकता है, जबकि अगर इसे वित्तीय वर्ष 2026 और वित्तीय वर्ष 2027 में बांटकर दिया जाए तो वित्तीय प्रभाव कम हो सकता है। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष 2026 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4 प्रतीशत रखा है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में सब्सिडी कम नहीं की जाएगी
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या बढ़ाकर नौ कर दी है। लेकिन सब्सिडी में कोई कटौती नहीं की गई है। वित्त वर्ष 2026 के लिए इस योजना के लिए 12,060 करोड़ रुपये के बजट आवंटन को मंजूरी देते हुए सरकार ने 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर पर ₹300 प्रति सिलेंडर की सब्सिडी बरकरार रखी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत आने वाले परिवारों की एलपीजी खपत वित्त वर्ष 2020 में प्रति व्यक्ति औसतन तीन रिफिल की खपत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में लगभग 4.47 हो गई है।
उज्ज्वला योजना क्या है?
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में शुरू की गई एक सरकारी योजना है। इस योजना का मूल उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली 5 करोड़ महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन देना था।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभ
खाना पकाने वाले फ्यूल के कारण होने वाली मौतों में से अधिकांश गैर-संचारी रोगों जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और फेफड़ों के कैंसर के कारण होती हैं। गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देन से देश में रसोई गैस की पहुंच सुनिश्चित होती है।
यह योजना महिला सशक्तिकरण का एक साधन हो सकती है क्योंकि एलपीजी कनेक्शन और स्वच्छ खाना पकाने वाले फ्यूल से खाना पकाने का समय और मेहनत कम हो सकती है, और भारत के अधिकांश हिस्सों में, खाना पकाने की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिलाओं के कंधों पर है। यह योजना ग्रामीण युवाओं को रसोई गैस की आपूर्ति श्रृंखला में भी रोजगार देती है।

Author: Deepak Mittal
