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Deepak Mittal

क्षेत्र में चरमराई बिजली व्यवस्था, जन जीवन अस्त-व्यस्त

निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111

सरगांव-भीषण गर्मी के आते ही विभाग बिजली आपूर्ति करने में लाचार नज़र आने लगा है ।क्षेत्र में बिजली प्रवाह का अभाव आम नागरिकों के जन जीवन को अस्त-व्यस्त करता नजर आ रहा है।नगर पंचायत सरगांव स्थित उप केंद्र में बिजली कटौती का सिलसिला आम होने लगा है और इससे सम्बंधित विभाग की लापरवाही के चलते बिजली विभाग विधुत आपूर्ति को लेकर पूरी तरह फ़िसड्डी साबित हो रहा।चुभती जलती इस गर्मी में अघोषित बिजली कटौती से जनता बुरी तरह त्रस्त है ।

कितनी बार और कितनी देर तक बिजली गुल हो जाये बताया नही जा सकता और पूछे जाने पे अनुतरित या मेंटनेस और फॉल्ट का हवाला दे दिया जाता है।

आखिर इतने वर्षों में विभाग अपनी दशा क्यों नही सुधार पा रहा ? प्रश्नात्मक है। प्रश्न पूरे सरगांव उप केंद्र का है जो जनता को हलाकान किये हुए है वंही ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति बद से बदतर होते जा रही। आम उपभोक्ताओं का ध्यान रखते हुए विभाग को ठोस कदम उठाया जाना चाहिए और विधुत व्यवस्था को सुचारू करने काम के प्रति सजगता दिखाना चाहिये।

उत्पादक का घर सूखा

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत का उत्पादक राज्य है औऱ ऐसे में सदैव विधुत आपूर्ति का अभाव सोचनीय है। यंहा की सारी बिजली अन्य राज्यो को बेच दिए जाने से अन्ततः स्थिति ये होती है कि उत्पादक का घर ही सूखा रह जाता है और अपने उत्पादित चीजों का लाभ स्वयं उन्हें नही मिल पाता है जो अपने आप मे बड़ा विषय है।

बिजली संकट मंडराया, जल संकट गहराया

बिजली के मंडराते संकट ने जल संकट को जन्म दिया है बार बार गुल होती बिजली के चलते टंकी में पानी का भराव नही हो पाता जिससे जल आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होती है और आम नागरिकों को पानी उपलब्ध नही हो पाता जिसका खमियाजा नगर पंचायत को भुगतना पड़ता है लगातार बिजली के अभाव से पानी के भराव में उत्पन्न होती समस्या दैनिक जन जीवन को प्रभावित कर देती है।

मेंटनेंस…. सेंस और सस्पेंस

बिजली विभाग द्वारा बिजली कटौती का कारण में जवाब अधिकांशतः मेंटनेस ही आता है। जब समय पूर्व विभाग मेंटनेस करने के नाम पे कटौती करती ही है तो सवाल ये उठता है कि उसका निराकरण क्यों नही हो पाता? मेंटनेस के नाम पर हर साल विभाग कितने ही रुपये खर्च कर डालती है पर निराकरण नही हो पाता। क्या मेंटनेस के नाम पे सिर्फ औपचारिकता की जाती है। सुनते सुनते विभाग का मेंटनेस सही मायने में कई सेंस औऱ कई संस्पेंस पैदा करता है। मेंटेनेंस का सही मायने में अगर किसी ने चरितार्थ किया है तो वो है चींटी जो मेंटनेस किये अनाज का सही क्रियान्वयन करती है।

मैं मायके चली जाऊंगी

सरगांव उप केंद्र अन्तर्गत विधुत आपूर्त की स्थिति बहुत बुरी हो चुकी है। आसपास ग्रामों में ये हाल है मानो बिजली पत्नियों की भांति मायके जाने की जल्दी करती है पर आने में संमय लेती है ग्रामीण क्षेत्रो में यही स्थिति है जंहा एक बार लाइन गया तो समझ लो ग्रामवासी वापसी के दिन गिनते नज़र आते है। तीन से चार दिन तक कोई उम्मीद नही की जाती।

नाक में दम, कर्मचारी कम

बिजली की आंख मिचौली ने जनता की नाक में दम कर रखा है। सुधार के नाम पे कर्मचारियों की कमी भी गिनाई जाती है। अनुभवी कर्मचारियों के स्थान पे नए नए कर्मचारियों की नियुक्ति हो चुकी जो काम के मामले में टालमटोल करते नज़र आते है।
अच्छे कार्य करने वाले कर्मचारियों की दुर्दशा हो चुकी है। एक तो वेतन बहुत कम मिलता है ऊपर से वेतन के मिलने का पता भी नही। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरगांव उपकेंद्र में कार्यरत 1+2 के एक कर्मचारी जिसका वेतन महज 6500 है का भुगतान विभाग द्वारा पिछले 10 माह से नही किया गया जो समझ से परे है।

समस्याओं का अंबार

नगर सरगांव सहित आसपास क्षेत्रों में लोवोल्टेज,कम क्षमता वाले ट्रांसफार्मर,ओवर लोड और जीर्ण शीर्ण हो चुके ट्रांसफार्मर, पुराने और सिंगल फेस वायर,फ्यूज काल का अभाव व विभाग में उपलब्ध पिकअप जो सुधार कार्य हेतु जाती है का हाल भी खस्ता हो चुका है। वार्ड 14 राइस मिल के सामने का ट्रांसफार्मर विगत 5 वर्षों से जीर्ण है।नगर में कंही भी थ्री फेस वायर की व्यवस्था नही की गई है जिससे आये दिन वोल्टेज की समस्या बनी रहती है।

उपभोक्ताओं की जुबानी बिजली की कहानी

उपभोक्ताओं द्वारा लगातार शिकायतें मिल रही है उनका कहना है कि कॉल करने पे कोई फोन नही उठाता और अगर समस्या आने पे फोन उठा भी ले तो ठीक करने में सुबह से शाम हो जाता है खम्बे के कनेक्शन में कार्बन साफ करने वाले कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं से पैसों की मांग भी की जाती है। बिजली का बिल समय पर नही आता और तो और बिना रीडिंग के अनुमानित बिल भेज दिया जाता है। दिन रात बिजली कटौती के बाद बिजली के अनाप शनाप बिल परेशानी का सबब बनते जा रहे।

आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया

स्मार्ट मीटर के नाम पर आम बिजली उपभोक्ताओं को बिजली विभाग द्वारा कनेक्शन काटा जा रहा की शिकायतें मिल रही रायपुर से आदेश आया है का हवाला दिया जा रहा। उनका कहना है खपत से ज्यादा का बिल आ रहा आमदनी अठन्नी पे बिजली का बिल खर्चा रुपइया का काम कर रहा।

इन्होंने कहा

“मदकू, ढेलकी, बासीन, दरवनकांपा,बड़ियादिह,देवाकर आदि गांवों में 24 घण्टे हो गए लाइन नही है। अधिकारियों द्वारा तानाशाही रवैय्या अपनाया जा रहा। समस्या के निराकरण करने में कनीष्ठ यंत्री और विभाग नाकामयाब रहा है। स्थिति यही रही तो पुनः उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। जनता को किसी भी प्रकार से समस्या से जूझने नही देंगे।”
मनीष साहू
जनपद सदस्य मोहभट्ठा

“जरा सी बूंदा बांदी हुई नही की लाइन बंद,थोड़ी सी हवा ने सरसराहट ली तो तत्काल बिजली बंद,लागातर अवरुद्ध होती बिजली आपूर्ति के चलते नगर की टँकीयो में पानी का भराव नही हो पा रहा जिससे पानी की किल्लत हो रही। अगर यही हाल रहा तो अब विधुत विभाग को आगे नगर में पानी के टैंकरों की व्यवस्था करानी होगी। पिछले साल यही स्थिति थी किन्तु ऐ.ई हरिनारायण लहरी की जागरूकता से कुछ स्थिति में सुधार हुआ था जो उनके ट्रांसफर पस्चात ज्योँ की त्यों हो गई। विभाग को इस पर सुधार करने की आवश्यकता है।”
परमानन्द साहू
अध्यक्ष नगर पंचायत सरगांव

” ऐसी कोई समस्या नही है कंही कंही ग्रामों में एकात दिन समस्या आयी थी जिसे दूर किया गया है परमिट लेने ,मेंटनेस करने हेतु बीच बीच लाइन बन्द किया जाता है। तेज हवाओं और आंधियो के चलते सुरक्षा दृष्टि से कुछ समय को विधुत प्रवाह रोका जाता है”
संदीप मानिकपुरी
कनिष्ठ यंत्री उपकेंद्र सरगांव

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Author: Deepak Mittal

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