3 बच्चों की मां को गैंगरेप के बाद जिंदा जलाया, मणिपुर में मचा तांडव!

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

Manipur Violence: मणिपुर के जिरीबाम जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां बीते गुरुवार (7 नवंबर) देर रात तीन बच्चों की एक 31 साल की आदिवासी मां के साथ उसके गांव के घर में हथियारबंद घुसपैठियों ने कथित तौर पर रेप की वारदात को अंजाम दिया. इतना ही नहीं, इसके बाद महिला को जलाकर मार डाला. साथ ही हथियार बंद आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी, लूटपाट और आगजनी से बस्ती को तहस-नहस कर दिया, जिसमें 17 घर जलकर खाक हो गए.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता महिला के पति द्वारा जिरीबाम पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर में “आपराधिक अतिक्रमण” के बाद “नस्लीय और सांप्रदायिक आधार पर रेप और हत्या” का जिक्र किया गया है. बताया जा रहा है कि हमलावरों के घाटी से होने का शक है, लेकिन शुक्रवार देर रात

मृत महिला के पति ने रेप का दावा किया

मृत महिला के पति का दावा है कि उसकी पत्नी को ज़ैरावन गांव में “हमारे घर पर यौन उत्पीड़न के बाद “क्रूरतापूर्वक हत्या” कर दी गई, जिससे पिछले साल जातीय संघर्ष के शुरुआती कुछ हफ़्तों की भयावहता फिर से ताज़ा हो गई. जहां बीते साल मणिपुर में कई जगहों पर भीड़ ने महिलाओं को परेशान किया, उन्हें निर्वस्त्र किया और फिर उनके साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया.

महिला के शव को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा असम

इस, मामले में पुलिस ने कहा कि वे महिला के जले हुए शव को फोरेंसिक जांच के लिए पड़ोसी असम के सिलचर भेजेंगे. जिरीबाम एसपी ने जिला मजिस्ट्रेट को बताया कि हालांकि राज्य की राजधानी में शव परीक्षण और फोरेंसिक सुविधाएं हैं, लेकिन “जारी जातीय संकट के कारण शव को एनएच-37 के माध्यम से सड़क मार्ग से जिरबाम से इंफाल ले जाना बहुत असुविधाजनक है.

जानिए इस क्रूरता पूर्वक हत्या पर जनजाति संगठन क्या बोले?

इधर, हमार जनजाति के शीर्ष संगठन हमार इनपुई ने कहा, “यह बर्बर कृत्य निरंतर जातीय सफाई अभियान की एक और भयावह याद दिलाता है. फेरज़ावल और जिरीबाम की स्वदेशी जनजाति वकालत समिति ने जुड़वां आदिवासी बहुल जिलों के कुकी-ज़ोमी-हमार लोगों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय हस्तक्षेप का अनुरोध किया.। चुराचांदपुर के आदिवासी समुदायों के एक समूह स्वदेशी आदिवासी नेताओं के मंच ने एक बयान जारी कर अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. वहीं, जिरीबाम में कथित बलात्कार, हत्या, आगजनी और लूटपाट ने हिंसा में दो महीने से चली आ रही शांति को तोड़ दिया.

पिछले सितंबर महीने में गोलीबारी में हुई थी 6 की मौत

बता दें कि, बीते 7 सितंबर को जिले में गोलीबारी में छह लोगों की मौत हो गई. साथ ही अक्टूबर में गृह मंत्रालय ने मणिपुर में संघर्ष को खत्म करने के लिए सुलह वार्ता की दिशा में पहला कदम उठाने के लिए मैतेई, कुकी और नागा समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों को दिल्ली बुलाया था.

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *