प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुंबई जोनल कार्यालय ने साइप्रस स्थित अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म ‘Parimatch’ के मामले में चल रही जांच के हिस्से के रूप में मुंबई, दिल्ली, नोएडा, जयपुर, सूरत, मदुरै, कानपुर और हैदराबाद में 17 स्थानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 12 अगस्त को छापेमारी की थी।
जांच एजेंसी ने विभिन्न बैंकों में जमा 110 करोड़ रुपये की धनराशि, जो कई व्यक्तियों या संस्थाओं से संबंधित थी, उसे फ्रीज कर दिया गया है। इस राशि का उपयोग खच्चर खातों या लेयरिंग उद्देश्यों के लिए किया जाता था। तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज व डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं।
ईडी ने ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म ‘Parimatch’ के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को ठगने के लिए ‘Parimatch.com’ के खिलाफ साइबर पीएस, मुंबई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की थी। ईडी की जांच में सामने आया है कि ‘Parimatch’ ने देश भर में अलग-अलग रणनीतियों का इस्तेमाल करके उपयोगकर्ताओं के धन को खच्चर खातों के माध्यम से बाहर भेजा। एक मामले में, उपयोगकर्ताओं द्वारा खच्चर खातों में जमा की गई धनराशि, तमिलनाडु के एक विशिष्ट इलाके में नकद रूप में निकाल ली गई। यह नकदी हवाला कारोबारियों को सौंप दी गई। उन्होंने इसका इस्तेमाल ब्रिटेन की एक कंपनी के वर्चुअल वॉलेट को रिचार्ज करने के लिए किया। इसके बाद इन वॉलेट्स का इस्तेमाल खच्चर क्रिप्टो खातों के नाम पर यूएसडीटी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए किया गया, जो वास्तव में ‘Parimatch’ एजेंटों द्वारा संचालित थे।
ईडी की जांच के मुताबिक, पश्चिमी भारत में, ‘Parimatch’ ने घरेलू धन हस्तांतरण (डीएमटी) एजेंटों की सेवाएँ लीं। इन एजेंटों द्वारा नियंत्रित खच्चर खातों में एकत्रित धनराशि, खच्चर क्रेडिट कार्ड द्वारा किए गए भुगतानों के माध्यम से PariMatch एजेंटों को भेजी जाती थी। जांच एजेंसी ने एक ही परिसर से कुल 1,200 से अधिक ऐसे क्रेडिट कार्ड जब्त किए हैं। ईडी की जाँच में पता चला कि जिन भुगतान कंपनियों के भुगतान एग्रीगेटर लाइसेंस के आवेदन आरबीआई द्वारा अस्वीकार कर दिए गए थे, उन्होंने प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) की आड़ में Parimatch को अपनी सेवाएँ प्रदान कीं और उपयोगकर्ता धन संग्रह को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने एपीआई (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) की पेशकश की।
इन टीएसपी ने Parimatch एजेंटों को एपीआई में शामिल करने का प्रस्ताव रखा। इन एजेंटों ने उपयोगकर्ताओं से धन संग्रह के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों और भुगतान समाधान प्रदाता कंपनियों के नाम पर खोले गए खच्चर खातों को अपने खाते में शामिल किया। बाद में यूपीआई हस्तांतरण के माध्यम से एकत्रित धन को ई-कॉमर्स रिफंड, चार्जबैक, विक्रेता भुगतान आदि के रूप में स्तरीकृत और स्थानांतरित किया गया, जिससे धन के वास्तविक प्रवाह और उद्देश्य को प्रभावी ढंग से छुपाया गया। Parimatch ने आक्रामक मार्केटिंग के ज़रिए अपनी एक अलग पहचान बनाई। इसमें खेल टूर्नामेंटों का प्रायोजन और जानी-मानी हस्तियों के साथ साझेदारी शामिल है।

Author: Deepak Mittal
