भिलाई। महात्मा गांधी कला मंदिर, सिविक सेंटर में आज हिन्दी पत्रकारिता की 200वीं वर्षगांठ पर “भारत बोध, भारतीयता और हिन्दी पत्रकारिता” विषयक संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी मंत्री श्री गजेन्द्र यादव थे।
इस संगोष्ठी में प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक नई बिन्दी के श्री अनंत विजय, डॉ. संजय द्विवेदी (अध्यक्ष, माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल) मुख्य वक्ता, और छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि श्री यादव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आधुनिक पत्रकारिता में विश्वनीयता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने झीरम घाटी की घटना और डीमरापाल (जगदलपुर) में आयोजित स्काउट्स एवं गाइड जम्बुरी का उदाहरण देते हुए कहा कि पत्रकारिता में नेगेटिव खबरों का स्थान कम और पॉजीटिव खबरों पर विशेष फोकस होना चाहिए। मंत्री ने रायपुर-दुर्ग फोरलेन सड़क निर्माण और मीडिया द्वारा की गई अपील का जिक्र करते हुए बताया कि नेगेटिव समाचार समाज को विचलित करते हैं, जबकि पॉजीटिव समाचार से समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
श्री यादव ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होने के नाते समाज को दिशा देने और अनुकूलता का संदेश दे। उन्होंने इसे भारत, भारतीयता और हिन्दू संस्कृति के अमृतकाल से जोड़ा।
संगोष्ठी के दौरान हिन्दी पत्रकारिता पर केंद्रित “बहुमत” के 148वें विशेष अंक और छत्तीसगढ़ की हिन्दी पत्रकारिता नींव पर आधारित “वसुन्धरा” के 123वें अंक का लोकार्पण भी किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक श्री विनोद मिश्र ने आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार डॉ. विश्वेश ठाकरे और लेखिका श्वेता उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर हेमचंद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय तिवारी, विधायक दुर्ग ग्रामीण श्री ललित चन्द्राकर, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू समेत कई गणमान्य नागरिक और प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
संगोष्ठी ने स्पष्ट संदेश दिया कि हिन्दी पत्रकारिता समाज को दिशा देने और सकारात्मक बदलाव लाने में आज भी अहम भूमिका निभा रही है।

Author: Deepak Mittal
