रायपुर। राजधानी रायपुर का रेलवे स्टेशन शुक्रवार देर रात एक ऐसी दहशत का गवाह बना, जिसने यात्रियों की धड़कनें तेज़ कर दीं। रात लगभग 8 बजे अचानक प्लेटफॉर्म नंबरों पर बम की सूचना फैल गई। देखते ही देखते यात्रियों को प्लेटफॉर्म से किनारे कर दिया गया। सुरक्षाकर्मी पूरी सतर्कता के साथ हर कोच और हर कोने में जांच करने लगे। पीए सिस्टम से लगातार यात्रियों को अनाउंसमेंट के ज़रिए सचेत किया जा रहा था।
अचानक मची इस हलचल ने पूरे स्टेशन पर हड़कंप मचा दिया। बच्चे रोने लगे, बुज़ुर्ग यात्री सहम गए और कई लोग तो सामान छोड़कर प्लेटफॉर्म से बाहर की ओर भागने लगे। करीब आधे घंटे तक स्टेशन पर सन्नाटा और तनाव का माहौल बना रहा। चारों ओर बस सुरक्षाकर्मी, जांच टीम और बम स्क्वॉड की हलचल नजर आ रही थी। यात्रियों को लग रहा था कि कहीं सच में कोई बड़ा हादसा ना हो जाए।
लेकिन जब पूरी सच्चाई सामने आई, तो हर कोई राहत की सांस लेने के साथ ही हैरान रह गया। दरअसल यह पूरा घटनाक्रम रेलवे की ओर से किया गया एक मॉक ड्रिल था। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर मंडल द्वारा त्योहारों के दौरान बढ़ती भीड़ को देखते हुए यह अभ्यास आयोजित किया गया था। उद्देश्य साफ था — यह परखना कि अगर सच में ऐसी कोई आपात स्थिति आती है तो सुरक्षा एजेंसियां कितनी तैयार हैं।
मॉक ड्रिल के दौरान रेलवे और सुरक्षा बलों ने हर उस स्थिति का अभ्यास किया, जिसका सामना किसी असली बम अलर्ट में करना पड़ सकता है। स्टेशन के होल्डिंग एरिया, प्रवेश और निकास द्वार, बुकिंग काउंटर, फुट-ओवर ब्रिज और प्लेटफॉर्म — हर जगह भीड़ नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय किए गए। लाउड हेलर और पीए सिस्टम से यात्रियों को लगातार दिशा-निर्देश दिए जाते रहे, वहीं सुरक्षा कर्मी हर डिब्बे और हर यात्री की गहन चेकिंग करते नजर आए।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की ड्रिल का मकसद यात्रियों को डराना नहीं, बल्कि उन्हें सतर्क और आश्वस्त करना है कि आपात स्थिति में रेलवे प्रशासन पूरी तरह तैयार है। त्योहारी सीजन में बढ़ती भीड़ और आतंकी हमलों के खतरे को देखते हुए ऐसी ड्रिल बेहद ज़रूरी मानी जाती है।
हालांकि इस ड्रिल से गुजरने वाले यात्रियों ने स्वीकार किया कि आधे घंटे तक उन्होंने असली बम अलर्ट जैसा खौफनाक माहौल महसूस किया। कई यात्रियों ने कहा कि उन्हें लगा कि कहीं रायपुर भी किसी बड़ी साज़िश का शिकार तो नहीं हो रहा। लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो सभी ने राहत की सांस ली और रेलवे की इस तैयारी की सराहना भी की।

Author: Deepak Mittal
