ताजा खबर
New Vice President of India: कौन होगा भारत का अगला उपराष्ट्रपति? इन दो में से किसी एक नाम पर लग सकती है मुहर, निर्वाचन आयोग ने तय कर दी चुनाव की तारीख रिटायर्ड IAS बिपिन मांझी बनाए गए राज्य सहकारी निर्वाचन आयुक्त.. कृषि मंत्री रामविचार नेताम शहीद गुण्डाधुर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र में आयोजित छात्रों से संवाद कार्यक्रम में हुए शामिल सूरजपुर जिले को मिली डाइट की सौगात: मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का जताया आभार छात्रावासी बच्चों का समग्र विकास अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी मंत्री राजवाड़े ने आकांक्षा हाट का किया उद्घाटन

हिन्दी दिवस 2024 पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का संदेश

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

 

 

प्रिय देशवासियो,

(गौतम बाल बोंदरे ) आप सभी को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। इस वर्ष का यह शुभ दिन हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिन्दी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। इसका 75वाँ साल पूरा हो रहा है और एक प्रकार से हम इस वर्ष राजभाषा हीरक जयंती मनाने जा रहे हैं। यह 75 साल की यात्रा हिन्दी के लिए, राजभाषा के लिए और हमारे सभी राज्यों की अपनी-अपनी भाषाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण रही है। हिन्दी ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, परंतु आज मैं इस मुकाम पर खड़े रहकर निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि हिन्दी की किसी भी स्थानीय भाषा के साथ कोई स्पर्धा नहीं है।

हिन्दी एक प्रकार से सभी भारतीय भाषाओं की सखी है, और एक-दूसरे की पूरक है। चाहे गुजराती हो, मराठी हो, तेलुगू हो, मलयालम हो, तमिल हो या बांग्ला हो, हर भाषा हिन्दी को मजबूती देती है और हिन्दी हर भाषा को मजबूती देती है। इसीलिए आप हिन्दी के आंदोलन को ध्यान से देखेंगे तो चाहे राजगोपालाचारी जी हों, महात्मा गांधी हों, सरदार वल्लभभाई पटेल हों, लाला लाजपत राय हों, नेताजी सुभाष चंद्र बोस हों या फिर आचार्य कृपलानी हों, हिंदी को बढ़ावा देनेवालों में अधिकतर गैर-हिन्दी भाषी क्षेत्रों से आते थे। हिंदी को राजभाषा बनाने के लिए संविधान सभा में जो समिति बनाई गई, वह समिति भी श्री आयंगर और श्री के. एम. मुंशी के नेतृत्व में बनाई गई थी, जिसने हिन्दी को राजभाषा के रूप में मान्यता देने और हिन्दी और हमारी बाकी सारी भाषाओं को ताकत देने की एक रिपोर्ट हमारी संविधान सभा के सामने रखी थी। दोनों नेता गैर-हिन्दी भाषी क्षेत्र से आते थे।

विगत 10 साल में मोदी जी के नेतृत्व में हिन्दी और स्थानीय भाषाओं को मजबूत करने के लिए ढेर सारे काम हुए हैं। मोदी जी ने अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गौरव पूर्वक हिन्दी में संबोधन देकर हिन्दी के महत्व को न केवल देश, बल्कि समूचे विश्व के सामने रखने का काम किया है और हमारे देश में हमारी भाषाओं के प्रति गौरव के भाव को बढ़ाया है। इन 10 सालों में हमने कई सारी स्थानीय भाषाओं को मजबूती देने के लिए बहुत सारे प्रयास किये हैं। नई शिक्षा नीति में श्री मोदी जी ने प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दिए जाने को एक महत्वपूर्ण स्थान देकर हमारी सभी भाषाओं और हिन्दी को एक नया जीवन देने का काम किया है।

हमने इन 10 सालों के अंदर ‘कंठस्थ’ टूल बनाया। हमने इन 10 सालों के अंदर संसदीय राजभाषा समिति के चार प्रतिवेदन जमा किए और हिन्दी को सरकारी कामकाज में प्रमुखता से प्रस्थापित करने का काम किया है। आने वाले दिनों में राजभाषा विभाग हिन्दी से आठवीं अनुसूची की सभी भाषाओं में अनुवाद का भी एक पोर्टल लेकर आ रहा है, जिससे पत्र हो या भाषण, उनका अनुवाद बहुत कम समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए हम सभी भाषाओं में कर पाएँगे। मैं मानता हूँ कि इससे भी हिन्दी को और स्थानीय भाषाओं को बहुत मजबूती मिलेगी।

मैं आज फिर से आप सभी को कहना चाहता हूँ कि हमारी भाषाएँ विश्व की सबसे समृद्ध भाषाओं में हैं। हिन्दी ही है, जो हम सभी को जोड़ने का काम करती है, हमारी सभी भाषाओं को जोड़ने का काम करती है। संविधान सभा की एक स्पिरिट थी कि एक स्वदेशी भाषा में देश के सभी नागरिक एक-दूसरे के साथ संवाद करें, चाहे वह हिन्दी हो, तमिल हो, तेलुगू हो या गुजराती हो। हिन्दी को मजबूत करने से इन सभी भाषाओं में एक प्रकार से लचीलापन भी आएगा, समृद्धि भी आएगी और समाहितता के संस्कार के साथ सभी भाषाएँ हमारी संस्कृति, इतिहास, साहित्य, व्याकरण और हमारे बच्चों के संस्कार को भी आगे बढ़ाएँगी।

अतः, मैं हिन्दी दिवस के दिन सभी देशवासियों से अपील करना चाहता हूँ कि, आइए हम संकल्प लें, हिन्दी को मजबूत करें, हिन्दी के साथ-साथ हमारी स्थानीय भाषा को भी मजबूत करें और राजभाषा विभाग के काम का समर्थन करें। फिर से एक बार आप सभी को हिन्दी दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। आइए, हम राजभाषा को मजबूत करें। वंदे मातरम।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

August 2025
S M T W T F S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *